'रहस्यमय बीज पार्सल' ('mystery seed parcels') पर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ-साथ बीज उद्योग और अनुसंधान निकायों को अज्ञात स्रोत से भारत में आने वाले ‘संदिग्ध या अवांछित बीज पार्सल’ के बारे में सतर्क किया है, जो देश की जैव विविधता के लिए खतरा हो सकते हैं.


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कृषि मंत्रालय ने इस संबंध में एक निर्देश जारी किया जिसमे अपने फसल आधारित शोध संस्थानों को ‘संदिग्ध बीज पार्सल’ ('mystery seed parcels') के बार ने राज्य सरकारों के साथ-साथ बीज उद्योग और अनुसंधान निकायों को अज्ञात स्रोत से भारत में आने वाले ‘संदिग्ध या बीज पार्सल’ ('mystery seed parcels') के बारे में सतर्क किया है. 


कृषि मंत्रालय ने कहा है कि,'इस संबंध में एक निर्देश जारी किया गया है. पिछले कुछ महीनों में दुनिया भर में हजारों संदिग्ध  अवांछितबीज खेप को भेजे जाने की सूचना प्राप्त हुई है. इसमें लिखा गया है कि , ‘अज्ञात स्रोतों से भ्रामक पैकेज के साथ अनचाहे बीज पार्सल’ का खतरा अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, जापान और कुछ यूरोपीय देशों में पाया गया है.


मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया है कि ‘अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) ने इसे बीज बिक्री के फर्जी आंकड़े दिखाने का घोटाला (brushing scam)’और ‘कृषि तस्करी’ करार दिया है.


यूएसडीए ने यह भी बताया है कि, 'अनचाहे बीज पार्सल में विदेशी आक्रामक प्रजाति के बीज या रोगजनकों या रोग को पेश करने का प्रयास हो सकता है, जो पर्यावरण, कृषि पारिस्थितिकी तंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं'. कृषि मंत्रालय ने कहा कि अनचाही या रहस्यमय सीड पार्सल भारत की जैव विविधता के लिए खतरा हो सकता है.


सभी राज्यों के कृषि विभाग, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, बीज संघों, राज्य बीज प्रमाणन एजेंसियों, बीज निगमों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ साथ उनके अपने फसल आधारित शोध संस्थानों को ‘संदिग्ध बीज पार्सल’ के बारे में ‘सतर्क’ रहने का निर्देश दिया गया है.


केंद्र सरकार के इस निर्देश पर फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के महानिदेशक राम कौंडिन्य ने कहा कि, 'अभी यह केवल बिना आर्डर के अनधिकृत स्रोतों से आने वाले बीजों के माध्यम से पौधों के रोगों के संभावित प्रसार के लिए एक चेतावनी है। इसे बीज आतंकवाद बताना अभी जायज नहीं होगा। बीज कौन सी बीमारियां ला सकती हैं, इसकी एक सीमा है. लेकिन फिर भी, यह एक खतरा है'. उन्होंने कहा कि,'ये बीज एक आक्रामक प्रजाति या खरपतवार हो सकते हैं, जो भारतीय वातावरण में स्थापित होने पर देशी प्रजातियों का मुकाबला या उनका विस्थापन कर सकते हैं'.