कोटा: त्योहार का सीज़न ओर इस सीज़न में मिठाई का बड़ा कारोबार क्योंकि खपत कई गुना बढ़ जाती है. वाजिब है कि बिना मिठाई के साल का सबसे बड़ा त्योहार अधूरा होगा लेकिन जरा संभल कर क्योंकि इस त्योहार पर मिलावट खोर भी सक्रिय होकर ज़्यादा मुनाफा कमाने के लिए सक्रिय हो जाते हैं.  


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साल का सबसे बड़ा पर्व दिवाली खुशियों का ये पर्व नए कपड़े, रोशनी, आतिशबाज़ी और मिठाई के साथ मनाया जाता है. इस दौरान मिठाई का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है. हर घर में मिठाई पहुंचती है तो हम हमारे रिश्तेदारो से लेकर सभी के पास मिठाई के डब्बे भेजते भी हैं लेकिन जरा रुकिए कहीं हम उन मिठाई के साथ सेहत बिगाड़ने का काम तो नहीं कर रहे. वजह मिलावट खोर दिवाली पर मुनाफा ज़्यादा कमाने के चक्कर में घटिया सामग्री के साथ मिठाई बम तैयार करते हैं.


कोटा की बात करें तो यहां छोटी बड़ी मिलाकर करीब 200 से ज़्यादा मिठाई की दुकाने हैं. वहीं बात कोटा जिले की करे तो मिठाई की दुकानों का ये आंकड़ा 700 के पार हो जाता है. दिवाली के सीजन में मिठाई का कारोबार कई से कई गुना बढ़ जाता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आप इस दिवाली किस तरह से मिलावटी मिठाई की पहचान कर सकते हैं.


1. मावे को अपने हाथ में रख कर अपने अंगूठे से रगड़ कर देखें अगर मावे में तेलिये पदार्थ महसूस हो या मावा रुखा न हो तो आपका मावा सही है. आप उसे खा सकते हैं और उसकी मिठाई बना सकते हैं. 


2. मावे के छोटे से टुकड़े को मुंह में खाकर देखें. मुंह में लेते ही मावे में अगर कोई कसैला पन महसूस हो या कोई तेल की दुर्गन्ध आए तो इसका मतलब है कि मावा मिलावटी या नकली है.


3. एक तरीका ये भी है कि आप अपनी हथेली पर मावे को रगड़ कर भी मावे की सुगंध के जरिए पहचान सकते हैं कि मावा सही है या नहीं.


4. मावे का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर टिंचर आयोडीन की तीन या चार बूंद मावे पर डालें. अगर मावा सही होगा तो मावा और टिंचर आयोडीन में कोई परिवर्तन नहीं होगा लेकिन अगर आपका मावा नकली है तो टिंचर आयोडीन का वो हिस्सा काला हो जाएगा और एक ब्लैक स्पॉट वहां बन जाएगा यानी आपका मावा नकली है और मिलावटी है.