परिवार को फुटपाथ से फ्लैट तक ले गई `प्रतिभा`, पढ़ें MP की इस होनहार छात्रा की कहानी
अधिकारियों ने बताया कि आईएमसी के फ्लैट आवंटन आदेश में भारती का नाम `सह आवेदक` और उसकी मां लक्ष्मी का नाम `आवेदक` के रूप में दर्ज किया गया है.
इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में भारती खांडेकर ने फुटपाथ पर पढ़ाई कर 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 68 फीसद अंक हासिल किए. उसके इस कठिन संघर्ष और कामयाबी की सराहना करते हुए इंदौर नगर निगम (आईएमसी) ने उसके बेघर परिवार को फ्लैट आवंटित किया है.
इंदौर नगर निगम की आयुक्त प्रतिभा पाल ने कहा, "हमने आर्थिक रूप से कमजोर तबके के उत्थान की एक सरकारी योजना के तहत भारती के परिवार को शहर के भूरी टेकरी क्षेत्र के बहुमंजिला परिसर में फ्लैट क्रमांक "सी-307" आवंटित किया है. इस फ्लैट में एक-एक बेडरूम, हॉल और किचन है." पाल ने कहा, "वैसे तो बेघर लोगों को घर मुहैया कराना हमारा काम है. लेकिन फुटपाथ पर रहने वाली भारती और उसके परिवार के संघर्ष की कहानी हमें मीडिया के माध्यम से पता चली. जब मैं उससे मिली, तो उसका आत्मविश्वास देखकर दंग रह गई."
अधिकारियों ने बताया कि आईएमसी के फ्लैट आवंटन आदेश में भारती का नाम "सह आवेदक" और उसकी मां लक्ष्मी का नाम "आवेदक" के रूप में दर्ज किया गया है. आवंटन आदेश में मां-बेटी की तस्वीर भी लगाई गई है.
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उन्होंने बताया कि भारती के पिता दशरथ खांडेकर ठेला चलाकर मजदूरी करते हैं, जबकि उसकी मां घरों में झाडू़-पोंछा कर परिवार का पेट पालने में मदद करती हैं. इस होनहार छात्रा के दो छोटे भाई हैं. आईएमसी की ओर से फ्लैट मिलने से पहले उसका बेघर परिवार शिवाजी मार्केट के फुटपाथ पर रहता था.
उल्लेखनीय है कि भारती, शहर के एक सरकारी स्कूल की छात्रा है. वह फुटपाथ पर ही पढ़कर मध्य प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मण्डल की आयोजित कक्षा 10 की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में हाल ही में उत्तीर्ण हुई है.
अपने परिवार के साथ फुटपाथ छोड़ फ्लैट में पहुंचने से खुश भारती ने कहा, "बड़ी होकर मैं आईएएस अफसर बनना चाहती हूं."