चेन्नई: तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भतीजी जे. दीपा ने मंगलवार को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए राजनीति छोड़ दी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के साथ विलय हो गया है.


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पत्रकारों से बात करते हुए दीपा ने कहा, 'मैंने राजनीति छोड़ने का फैसला लिया है.' दीपा ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में उनका मार्गदर्शन करने के लिए उनके पास कोई उचित व्यक्ति नहीं है.


दीपा के अनुसार मार्च में ही उनकी पार्टी एमजीआर अम्मा दीपा पेरावई का विलय सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के साथ हो गया था. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक में शामिल हो सकते हैं.


'दो साल का उनका राजनीतिक जीवन दर्दनाक था'
दीपा ने कहा कि पिछले दो साल का उनका राजनीतिक जीवन दर्दनाक था और एक बुरा अनुभव था. उन्होंने कहा कि कई बार वह सोचती थीं कि इन सभी चीजों की क्या आवश्यकता है? दीपा ने कहा कि वह अपनी इच्छाओं को लागू करने में सक्षम नहीं थीं.


उन्होंने कहा कि महिलाओं के राजनीति में बने रहने के लिए लोगों को अपमानजनक टिप्पणी करने से रोकना चाहिए. महिलाओं के लिए अपमानजनक टिप्पणी सुनना संभव नहीं है.



दीपा ने कहा कि पार्टी के गठन के बाद ऐसे उदाहरण थे जहां लोगों ने धोखा देने के लिए पार्टी के नाम का इस्तेमाल किया और वह इन सबके लिए तैयार नहीं थी. दीपा ने अनुरोध किया कि उन्हें या उनके पति को अब आगे परेशान न किया जाए.


जयललिता की मृत्यु के तुरंत बाद अन्नाद्रमुक पार्टी विभाजित हो गई थी. पार्टी कैडरों की एक बड़ी संख्या ने दीपा का समर्थन किया. दीपा हालांकि अलग बनाई गई पार्टी को संभाल नहीं पाईं.