नई दिल्ली : कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनने के बाद भी आए दिन किसी न किसी पक्ष से ऐसा बयान सामने आता है, जो सरकार के लिए बड़ी अजीबोगरीब स्थिति पैदा कर देता है. अब कांग्रेस सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री डीके शिवकुमार ने भी ऐसा ही बयान देकर अपनी ही पूर्ववर्ती सरकार को घेरा है. उन्होंने ये बयान सिद्दारमैया सरकार पर दिया है. डीके शिवकुमार कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं और वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. उन्होंने कहा, राजनीति में धर्म को नहीं मिलाना चाहिए.


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यहां पर एक सभा को संबोधित करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, कर्नाटक में हमारी सरकार ने गलती की थी. राजनीतिक दलों को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हमारे कई नेताओं और विधायकों ने इस बारे में बात की थी. लेकिन चुनाव के बाद आए परिणाम इस बात का पुख्ता सबूत हैं. ये एक बड़ी गलती थी. किसी भी राजनीतिक दल को धर्म के साथ राजनीति नहीं करनी चाहिए.


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बता दें कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने बड़ा दांव  चलते हुए कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को अलग धर्म के रूप में मान्यता देने का दांव चला था. लेकिन चुनाव में ये दांव पूरी तरह से उलटा पड़ा. कांग्रेस दूसरे नंबर पर चली गई और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई. हालांकि कांग्रेस ने जेडीएस के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली.


अपने बयान पर कायम रहते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, मैं अपने बयान पर कायम हूं. नेताओं को धर्म से दूर रहना चाहिए. ये धर्म सभा है. ये बिल्कुल सही समय है, जब हम अपनी गलती को मानें. ये बयान मेरे दिल से निकला है.



डीके शिवकुमार वही शख्स हैं, जिन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई, उन्होंने सभी पार्टी विधायकों को आखिरी समय तक एकजुट रखा और येदियुरप्पा ने विश्वासमत से पहले ही इस्तीफा दे दिया था.