Nagaur News: पत्नी की मौत की खबर सुन पति ने छोड़ दी सांसें, एक चिता पर हुआ अंतिम संस्कार
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Nagaur News: पत्नी की मौत की खबर सुन पति ने छोड़ दी सांसें, एक चिता पर हुआ अंतिम संस्कार

Merta, Nagaur News: राजस्थान के नागौर के रियांबड़ी उपखंड में एक साथ बुजुर्ग दंपती का दाह संस्कार किया गया. पत्नी की मौत की खबर सुनकर पति ने भी प्राण त्याग दिए. 

 

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Merta, Nagaur News: राजस्थान के नागौर के रियांबड़ी उपखंड के ग्राम जसनगर निवासी 82 वर्षीय पानकी देवी और उनके पति 85 वर्षीय जपाराम बालोटिया का मात्र दो घंटे के अंतराल में पति-पत्नी के निधन से जहां गांव में शोक की लहर है. वहीं, क्षेत्र में लोगों के बीच यह दुःखद घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. 

ग्राम जसनगर में एक अनोखी घटना हुई. मौत से पहले ही पति-पत्नी कहते थे कि साथ-साथ जिंदगी को जिया तो ऊपर भी साथ-साथ ही जाएंगे. बुजुर्ग दंपती ने परिवार से किए इस वादे को पूरा किया. 82 साल की पत्नी के निधन के 2 घंटे बाद 85 साल के पति ने भी प्राण त्याग दिए. 7 फेरों का वचन अंतिम समय तक निभाया. साथ-साथ जीवन जिया है, साथ-साथ ही पंचतत्व में विलीन हुए. 

शादी का नाता 7 कसमों और 7 फेरों तक ही नहीं निभाया, बल्कि मौत को भी एक ही दिन गले लगाकर एक-दूसरे से अंतिम समय तक जुदा नहीं हुए. साथ जीने-मरने की कसम को निभाने वाली दंपति एक साथ ही पंचतत्व में विलीन भी हुए. जसनगर कस्बे में एक साथ इस पति-पत्नी की मौत के बाद शोक की लहर है, जब पति-पत्नी की एक साथ चिताएं जलीं तो सबकी आंखें नम हो गई. साथ-साथ जीवन जिया है. साथ-साथ ही ऊपर जाएंगे. 

यह बात 85 साल की आयु पार करने वाले बुजुर्ग दंपती अपने परिवार से कहते थे. दोनों की बातों को परिवार मजाक समझता था, लेकिन दोनों ने एक दूसरे का वादा निभाया और एक साथ प्राण त्याग दिए. पहले पत्नी का निधन हुआ. पत्नी की मौत की खबर सुनकर ही दो घंटे बाद पति ने भी शरीर छोड़ दिया. 82 साल की पानकी देवी और 85 साल के जपाराम बालोटिया रेदास के एक साथ स्वर्गवास होने पर सबको हैरान कर दिया. 

साथ-साथ करते थे पुस्तैनी काम-काज
पानकी देवी एवं जपाराम बालोटिया अपना पुस्तैनी काम-काज चमड़े की जुतीया-मौजड़ीया (पगरकीया) बनाने एवं चैकेनीया बांधने का काम एक साथ किया करते थे. 

बता दें कि पति-पत्नी खेती-बाड़ी का काम करने एक साथ जाया करते थे. दो साल पहले पानकी देवी की तबीयत खराब रहने लगी. दो साल से वह बेड पर ही थी. ऐसे में जपाराम बालोटिया रेदास को अपनी पत्नी की चिंता बनी रहती थी. 

पानकी देवी और जपाराम बालोटिया अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़कर गए है. उनके एक बेटा हैं और 4 पौत्र एवं पौत्र की बहुए है और उनके भी बच्चे है. घर से दोनों की अंतिम यात्रा एक साथ निकाली और श्मशान घाट पर एक ही चिता पर पति-पत्नी का अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके बेटे ने मुखाग्नि दी. दोनों के एक साथ निधन से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. 

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