Agra में आज से शुरू होगा Metro project, पीएम Narendra Modi करेंगे शिलान्यास
ताजनगरी आगरा के लोगों को अगले 5 साल में मेट्रो रेल मिल जाएगी. जिसके बाद लोग मेट्रो के जरिए भी ताजमहल का दीदार कर सकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज आगरा में मेट्रो परियोजना (Agra Metro project) का शिलान्यास करेंगे.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज आगरा में मेट्रो परियोजना (Agra Metro project) का शिलान्यास करेंगे. करीब साढ़े 8 हजार करोड़ की लागत से बनने वाली यह परियोजना 5 साल में बनकर तैयार होगी. पीएसी ग्राउंड में आयोजित होने वाले इस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे.
आगरा मेट्रो के दोनों कॉरिडोरों पर 30 मेट्रो स्टेशन होंगे
आगरा मेट्रो परियोजना (Agra Metro project) का रूट 30 किलोमीटर लंबा होगा. इन दोनों कॉरिडोरों पर कुल 30 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे. इन कॉरिडोरों के जरिए आगरा के सभी पर्यटक स्थल जोड़ दिए जाएंगे. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इस परियोजना की आधारशिला रखेंगे. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत समेत आला अधिकारी भी आगरा के पीएसी ग्राउंड में आयोजित होने वाले समारोह में मौजूद रहेंगे. आगरा में मेट्रो परियोजना शुरू होने पर वहां के लोगों ने खुशी जाहिर की है.
परियोजना में कुल 8 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनने हैं
बता दें कि आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट (Agra Metro project) की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को की थी. लेकिन कोर्ट स्टे लगने के कारण काम शुरू नहीं हो सका था. अब सुप्रीम कोर्ट से यह बाधा हट गई है. इसलिए आज से इस परियोजना पर विधिवत काम शुरू हो जाएगा. आगरा मेट्रो परियोजना की लागत 8,379.62 करोड़ रुपए है. इसमें दो कॉरिडोर हैं -सिकंदरा से ताजमहल तक 14 किमी लंबी मेट्रो लाइन और आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक 15.4 किमी लंबी मेट्रो लाइन. कॉरिडोर-एक 1 में 13 मेट्रो स्टेशन हैं जिनमें से 6 एलिवेटेड और 7 अंडरग्राउंड हैं. वहीं कॉरिडोर 2 में 17 एलिवेटेड और 1 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं.
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परियोजना से आगरा के 20 लाख लोगों को लाभ होगा
इस प्रोजेक्ट से आगरा में रहने वाले करीब 20 लाख लोगों को लाभ होगा. आगरा मेट्रो परियोजना (Agra Metro project) के लिए फिजिबिलिटी स्टडी 2016 में की गई थी, जिसे 28 फरवरी, 2019 को मंत्रिमंडल ने अनुमोदित किया था. इस परियोजना की राह में कई पेड़ आ रहे थे. जिसे काटे जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि UPMRC को इस प्रोजेक्ट के लिए प्रस्तावित संख्या से 10 गुना अधिक यानी 18,230 पौधे लगाने होंगे.
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