नई दिल्ली: टीडीपी के पांच सांसदों ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से बीजेपी में शामिल होने वाले उनकी पार्टी के चार सांसदों को उच्च सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की.  उल्लेखनीय है कि टीडीपी के चार राज्यसभा सदस्यों ने गुरुवार को बीजेपी में शामिल होकर अपने दल के बीजेपी में विलय की भी नायडू के समक्ष अर्जी पेश की थी. 


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सूत्रों के अनुसार टीडीपी के तीन लोकसभा और दो राज्यसभा सदस्यों ने नायडू से मुलाकात कर पार्टी से अलग हुए सांसदों की अर्जी को भी चुनौती देते हुए इसे अमान्य ठहराने की मांग की है.


राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि सभापति ने बीजेपी और टीडीपी के विधायी दलों से जुड़े इस मामले को संज्ञान में लिया है जो दलबदल कानून की धारा चार के तहत पेश किया गया था. इस बीच राज्यसभा सचिवालय ने उच्च सदन में बीजेपी और टीडीपी की सदस्य संख्या को आधिकारिक तौर पर अपडेट कर दिया है.  राज्यसभा की वेबसाइट पर भी टीडीपी की सदस्य संख्या छह से घटकर अब दो कर दी गई है. वहीं बीजेपी की सदस्य संख्या 71 से बढ़कर 75 हो गई है. 


उल्लेखनीय है कि टीडीपी के तीन लोकसभा सदस्यों जयदेव गल्ला, श्रीनिवास केसिनेनी और के आर मोहन नायडू तथा राज्यसभा सदस्यों रवीन्द्र कुमार और थोटा सीतारामा लक्ष्मी ने सभापति नायडू से अनुरोध किया कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने वाले चारों सदस्यों को उच्च सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर देना चाहिये. 


बीजेपी में शामिल होने वाले वाई एस चौधरी, सी एम रमेश, जी मोहन राव और टी जी वेंकटेश ने सभापति से उनके विधायी दल का बीजेपी में विलय करने की मांग की थी. टीडीपी के सांसदों ने नायडू को बीजेपी में शामिल होने वाले पार्टी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने का मांग पत्र सौंपते हुये कहा कि राज्यसभा में पार्टी विधायी दल का बीजेपी में विलय करने के लिये इन सदस्यों को कभी अधिकृत नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि यह घटना उस समय हुयी है जब टीडीपी अध्यक्ष यूरोप दौरे पर हैं. 


इस बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि टीडीपी सदस्यों के बीजेपी में शामिल होने की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हो गई और सभापति कार्यालय ने चारों नाम बीजेपी के सदस्यों की सूची में शामिल करने के बारे में सूचित भी कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब इन सदस्यों को बीजेपी सदस्य के रूप में मान्यता मिल गई है.