Chandigarh Mayor SC Order: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का नतीजा रद्द, SC ने AAP उम्मीदवार को घोषित किया विजेता
Chandigarh Mayor Election SC Order: चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में बीजेपी को करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों घोषित हुए चुनाव परिणाम को रद्द करते हुए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया. साथ ही रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
Chandigarh Mayor Supreme Court Order: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर बड़ी सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड के नेतृत्व में तीन जजों की बेंच ने डाले गए वोटों की जांच की. इस दौरान रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह भी कोर्ट में मौजूद रहे. कोर्ट ने उनसे जिरह की और कई तीखे सवाल पूछे. इससे पहले हुई सुनवाई में अनिल मसीह ने स्वीकार किया था कि उन्होंने ही बैलेट पेपर पर क्रॉस के निशान लगाए थे. बड़ा फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का नतीजा रद्द कर दिया. साथ ही चुनावों में अमान्य करार दिए गए 8 वोटों को वैध मानते हुए AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित करार दिया. साथ ही अनिल मसीह पर कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें धांधली करने का दोषी माना.
'बीजेपी जीतती नहीं है, चोरी करती है'
सीएम केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी हर तरीके से विपक्ष को तोड़ने की कोशिश करती है. वह ईवीएम में गड़बड़ी की कोशिश करती है. अगर उसके बावजूद बीजेपी हार जाती है तो जीतने वाली पार्टियों के खिलाफ सीबीआई, ईडी को छोड़ देते हैं. वह तब भी न माने तो उसके घर पर नोटों की गड्डियां फेंकते हैं. ये सब करके वे अपनी सरकार बनाने की कोशिश करते हैं. लेकिन इस फैसले ने बता दिया है कि बीजेपी जीतती नहीं बल्कि चोरी करती है.
सीएम केजरीवाल ने कोर्ट के आदेश का किया स्वागत
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है. दिल्ली के पार्टी हेडक्वार्टर पर प्रेसवार्ता करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि ये जनतंत्र को बचाने की लड़ाई है. ये जीत देश और जनता कै है. इस फैसले ने दिखा दिया है कि बीजेपी को हराया जा सकता है. हमारे 36 में से 8 वोट चोरी कर लिए गए थे. लेकिन वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, जिससे उनकी चोरी पकड़ में आ गई. हम बीजेपी के जीत छीनकर ले आए हैं.
पिछले दिनों जारी हुए चुनाव परिणाम को किया रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के पिछले दिनों हुए परिणामों को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि रिटर्निंग अफसर ने जो 8 वोट अमान्य करार दिए थे. वे सब AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में डाले गए थे. अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट की जिम्मेदारी बनती है कि पूर्ण न्याय करे, ताकि चुनावी लोकतंत्र बचा रहे.
रिटर्निंग अफसर को लगाई फटकार, नोटिस जारी
कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी की ओर से घोषित चुनाव परिणाम को रद्द किया. साथ ही रिटर्निंग अफसर को इस बात के लिए लताड़ भी लगाई कि उसने कोर्ट के सामने झूठा बयान दिया है. अदालत ने कहा कि अधिकारी की सफाई ठीक नही है कि खराब मतपत्रों पर उसने अलग से निशान बनाया. सुप्रीम कोर्ट ने उसे चुनाव में धांधली का दोषी मानते हुए जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया. नोटिस में अनिल मसीह से पूछा गया है कि वह 3 सप्ताह में स्पष्टीकरण दे कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.
'कुछ मतपत्रों पर चुनाव अधिकारी ने निशान बनाए'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस रिजल्ट के खिलाफ HC में याचिका दायर की गई लेकिन HC ने रिजल्ट पर रोक लगाने से इंकार करते हुए सुनवाई की तारीख तीन हफ्ते बाद के लिए लगा दी. इसके चलते फिर याचिकाकर्ता ने SC का रुख किया. इसके बाद SC ने मतपत्रों को पंजाब हरियाणा HC के रजिस्ट्रार जनरल की कस्टड़ी में रखने का निर्देश दिया. आज कोर्ट के सामने मतपत्र और वीडियो रखे गए. वीडियो देखने से साफ है कि कुछ मतपत्रों पर निर्वाचन अधिकारी ने निशान बनाए.
कोर्ट ने आदेश में दर्ज किया कि 35 पार्षदों को मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए वोट देने का अधिकार था. इसके अलावा चंडीगढ़ से एक सांसद को भी वोट का अधिकार था. इस लिहाज से कुल वोट 36 हो गए. कुल 36 वोट में से आठ वोट अमान्य करार दिए गए. बाकी 28 वोट में से बीजेपी उम्मीदवार को 16 और आप उम्मीदवार को 12 वोट मिले.
CJI ने सुनवाई में HC में दायर उस याचिका का जिक्र किया, जो चुनाव से पहले दायर की गई थी कि वहां स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें. सीजेआई ने कहा कि तब HC को बताया गया था कि पूरी चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी. प्रशासन सुनिश्चित करेगा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव हो.
'लोकतंत्र बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया'
चंडीगढ मेयर मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अरविंद केजरीवाल ने पोस्ट करके अदालत का आभार जताया है. केजरीवाल ने कहा, 'इस मुश्किल वक्त में लोकतंत्र बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया.'
'फायदा लेने के लिए बीजेपी उठा रही दोबारा चुनाव की मांग'
सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने पंजाब नगर निगम के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि रूल्स के मुताबिक निगम की पहली बैठक में ही मेयर का चुनाव हो जाना चाहिए. इस पर आपत्ति जताते हुए सिंघवी ने कहा कि अगर चुनाव नियमों के मुताबिक हो तो ही ये नियम लागू होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इसलिए दोबारा चुनाव की मांग कर रही है, जिससे उसे दल-बदल का फायदा मिल जाए.
'अनिल मसीह का एक्शन कोर्ट की अवमानना'
AAP पार्षद कुलदीप कुमार की ओर से कोर्ट में बहस करते हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'अनिल मसीह ने कल कोर्ट को जो बताया, वो ग़लत था. उसने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की. ये अदालत की अवमानना का भी मामला बनता है.' मुकुल रोहतगी ने मसीह की तरफ से सफाई दी। कहा कि उन्हें हस्ताक्षर करने थे. वोट सही है या ग़लत करार देना, उनका अपना आकलन था. वो गलत हो सकता है.
हंगामा मतपत्र खराब होने के बाद हुआ- जस्टिस पारदीवाला
मुकुल रोहतगी की इस दलील का आप पार्षद के वकील ने विरोध किया, उन्होंने कहा कि ये ठीक दलील नहीं हैं. सभी मतपत्रों को सही तरीके से मोड़ा गया था.सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, 'ये सच है कि आप पार्षदों ने मतपत्र छीने थे और हंगामा किया था. सिर्फ कैमरे की ओर देखने की वजह से मसीह की नीयत पर संदेह नहीं किया जा सकता.' इस पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा, अनिल मसीह की सफाई दी थी कि जो मतपत्र खराब हुए, उन पर उन्होंने निशानी बनाई. ये सफाई ठीक नहीं लगती. हंगामा वहां चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद हुआ.
'अनिल मसीह की नीयत पर शक करना ठीक नहीं'
सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने सफाई दी कि अनिल मसीह ने उन मतपत्रों को अमान्य माना था, जो गलत तरीके से मोड़े गए थे. मसीह का आकलन गलत हो सकता है, पर नीयत पर संदेह करना ठीक नहीं. इस पर टिप्पणी करते हुए CJI चंद्रचूड ने कहा, हम फिर से गणना का निर्देश दे सकते हैं. हम ये आदेश दे सकते हैं कि इन अमान्य करार दिए गए आठ वोटों को भी वैध मानकर गिनती हो. उसके हिसाब से चुनाव परिणाम घोषित हों.
'मतपत्र आखिर खराब कैसे हुए'
CJI ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा, आपका कहना है कि खराब मतपत्रों पर आपने निशान बनाए लेकिन सवाल ये है कि ये मतपत्र खराब कैसे हैं. आपने जिन मतपत्रों पर निशान बनाये गए, वो कुलदीप कुमार को डाले गए थे.
तीनों जजों ने देखा वोटिंग का वीडियो
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस ने कहा कि वे रिजेक्ट हुए 8 मतपत्रों को देखना चाहते हैं, जिन्हें रिटर्निंग अफसरों ने अमान्य खारिज कर दिया था. इसके बाद बेंच ने जुडिशल अधिकारी से अमान्य करार हुए मतपत्र लेकर बारीकी से देखे. इसके साथ ही तीनों जजों ने 30 जनवरी की हुई मतगणना की प्रकिया का पूरा वीडियो देखा.
रिटर्निंग अफसर के फैसले पर पीठ कर रही सुनवाई
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से कुलदीप कुमार और बीजेपी की ओर से मनोज सोनकर उम्मीदवार थे. पार्षदों की वोटिंग के बाद रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने आम आदमी पार्टी के 8 वोट रिजेक्ट करके मनोज सोनकर को विजयी घोषित कर दिया था. वोटर पर्चियों पर कुछ लिखने का उनका सीसीटीवी वीडियो काफी वायरल हुआ था. इस फैसले के खिलाफ AAP के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर चीफ जस्टिस चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.