नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को एक तलाक के मामले (Divorce Case) में अहम निर्णय लिया. कोर्ट ने इसमें पति (Husband) को पत्‍नी (Wife) से तलाक (Divorce) लेने की तो मंजूरी दे दी लेकिन कहा कि वह अपने बच्‍चों (Kids) से तलाक नहीं ले सकता है. उसे अपने बच्‍चों का ख्‍याल रखना ही होगा. एक व्यक्ति से मंगलवार को कहा कि वह अपनी पत्‍नी को तलाक दे सकता है, लेकिन अपने बच्चों को नहीं. इसके साथ ही अदालत ने पति को पत्‍नी को 4 करोड़ रुपये देने के निर्देश दिए. 


6 हफ्ते में देने होंगे 4 करोड़ रुपये 


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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुंबई का रहने वाले एक कारोबारी अपनी पत्‍नी से तलाक लेना चाहता था. पति-पत्‍नी 2019 से अलग रह रहे थे और तलाक के लिए पति ने 4 करोड़ रुपये देने की सहमति भी दे दी थी लेकिन बाद में कोरोना महामारी के कारण व्‍यापार में नुकसान की बात कहकर पैसे देने के समय मांगा था. 


इस पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों को मामले के समाधान के लिए किए गए समझौतें (Settlement) की शर्तों का पालन करना होगा. इसके लिए पति को पत्‍नी को बच्‍चों पालने के लिए 4 करोड़ रुपये देने होंगे. 


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महामारी से पहले हुआ था समझौता 


कोर्ट ने कहा कि समझौता कोरोना (Corona) महामारी शुरू होने से पहले किया गया था, जिसमें कहा गया था कि तलाक की मुहर लगते ही पति, पत्‍नी को 4 करोड़ रुपये दे देगा. ऐसे में पैसे देने में देरी करने का तर्क देना सही नहीं है. कोर्ट ने संविधान के अनुच्‍छेद 142 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए दंपत्ति को उनकी आपसी सहमति से तलाक दिया. साथ ही पति को 1 सितंबर तक 1 करोड़ रुपये और 30 सितंबर के पहले बाकी 3 करोड़ रुपये पत्‍नी को देने का आदेश दिया. दंपत्ति का एक बेटा और एक बेटी है.