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नई दिल्ली: आजाद भारत में महिलाएं कई अहम पदों पर पहुंचीं लेकिन अब भी भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) की कुर्सी महिलाओं से अछूती है. अब इससे जुड़ी एक बड़ी खबर आई है. कुछ ही सालों में भारत को देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिल सकती है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (SC Collegium) ने मंगलवार को 9 नामों को मंजूदी दे दी है, जिसमें जस्टिस बीवी नागरत्ना का नाम शामिल है.
SC कॉलेजियम द्वारा रेकमंड की गई कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना यदि अभी पदोन्नत हुईं तो वो 2027 में भारत की चीफ जस्टिस बन सकती हैं. जस्टिस बीवी नागरत्ना को फरवरी 2008 में कर्नाटक हाई कोर्ट की एडिशनल जज और फिर फरवरी 2010 में परमानेंट जस्टिस के तौर पर नियुक्त किया गया था.
खबरों के मुताबिक कॉलेजियम ने जिन अन्य नामों को मंजूरी दी है, उनमें 2 और महिला न्यायाधीश शामिल हैं, जिनके नाम जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला त्रिवेदी हैं. जस्टिस हिमा कोहली तेलंगाना हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हैं और जस्टिसबेला त्रिवेदी गुजरात हाई कोर्ट में न्यायाधीश हैं. इन नामों में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बार से एक नाम वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा का भी है.
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कॉलेजियम द्वारा जिन 9 नामों की अनुशंसा की गई है, उनमें से 3 जस्टिस सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान सीजेआई बन सकते हैं. इसमें जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल हैं, जो एक महीने से थोड़े ज्यादा समय के लिए भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं.
बता दें कि पूर्व सीजेआई एसए बोबडे ने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले कहा था, 'भारत में एक महिला के मुख्य न्यायाधीश बनने का समय आ गया है.'