Supreme Court Senthil Balaji Bail: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को यह जानकर हैरान रह गया कि जिन सेंथिल बालाजी को उसने जमानत दी थी, वे फिर से तमिलनाडु सरकार में मंत्री बन गए हैं. बालाजी को एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में SC से हाल ही में जमानत मिली थी. जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कहा कि SC जांच करेगा कि मंत्री के रूप में बालाजी गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं या नहीं. जस्टिस ओका ने सवाल किया, 'हम जमानत देते हैं और अगले ही दिन आप मंत्री बन जाते हैं? किसी को भी यह लगेगा कि अब आपके एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री होने से गवाह दबाव में होंगे. यह सब क्या चल रहा है?'


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SC उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें बालाजी को जमानत देने के 26 सितंबर, 2024 के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी. याचिका का आधार है कि सेंथिल के दोबारा मंत्री बनने से गवाह दबाव में आ जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को इस आधार पर जमानत दी थी कि ट्रायल जल्द शुरू होने के कोई आसार नहीं हैं. तीन दिन बाद, बालाजी फिर से एमके स्टालिन सरकार में मंत्री बना दिए गए.


गवाह दबाव में आएंगे या नहीं, जांच करेगा SC


सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अपना पूरा फैसला तो नहीं रद्द करेगा लेकिन इस संदेह की जांच जरूर करेगा कि गवाह दबाव में आएंगे या नहीं. अदालत ने कहा, 'आशंका यह है कि पूर्ववर्ती अपराधों में दूसरे प्रतिवादी (बालाजी) के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, गवाह दूसरे प्रतिवादी, जो कैबिनेट मंत्री का पद संभाल रहे हैं, के खिलाफ गवाही देने की मानसिक स्थिति में नहीं हो सकते हैं... यह एकमात्र पहलू है जिस पर प्रथम दृष्टया हम आवेदन पर विचार करने के लिए इच्छुक हैं...' बालाजी के वकील ने निर्देश लेने के लिए समय मांगा जिसके बाद अदालत ने सुनवाई 13 दिसंबर, 2024 के लिए टाल दी.


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बालाजी केस: ईडी फाइल कर चुका चार्जशीट


तमिलनाडु के बिजली मंत्री बालाजी को ED ने 14 जून, 2023 को 'नकदी के बदले नौकरी' घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. उस वक्त वह पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक शासन के दौरान परिवहन मंत्री थे. ईडी ने अगस्त 2023 में बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था. मुकदमे को टालने की उनकी पिछली याचिका को प्रधान सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया था. इस साल सितंबर में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी. (एजेंसी इनपुट)