Maharashtra Chunav: महाराष्‍ट्र के चुनावों में इस बार सबसे अधिक शरद पवार के परिवार की ही चर्चा है. लोकसभा में जहां बारामती सीट को लेकर ननद-भाभी के बीच संघर्ष हुआ वहीं अब विधानसभा में अजित पवार और भतीजे युगेंद्र पवार के बीच सियासी लड़ाई हो रही है. इन सबके बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ राजनीतिक मेल-मिलाप तब तक संभव नहीं है, जब तक वह भाजपा के साथ गठबंधन में हैं. सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘यह कहना मुश्किल है कि पवार परिवार अजित पवार के साथ राजनीतिक रूप से पुनः एकजुट हो सकता है या नहीं. जब तक वह (अजित पवार) भाजपा के लिए काम कर रहे हैं, यह आसान नहीं होगा. हमारी विचारधाराएं अब भी राजनीतिक रूप से एक चुनौती बनी हुई हैं.’’


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वैचारिक लड़ाई का सवाल
सुले ने कहा कि वह पवार के पारिवारिक गढ़ बारामती विधानसभा सीट पर मुकाबले को वैचारिक लड़ाई से अधिक कुछ नहीं मानतीं. यहां अजित पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम कांग्रेस के साथ हैं और वे भाजपा के साथ. हम भाजपा से लड़ रहे हैं, इसलिए हम उनके सहयोगियों से भी लड़ रहे हैं.’’ न्‍यूज एजेंसी PTI को दिए साक्षात्कार में चार बार की लोकसभा सदस्य सुले ने एमवीए के मुख्यमंत्री पद का चेहरे होने की अटकलों पर कहा, ‘‘मैं चुनाव नहीं लड़ रही हूं और राकांपा (एसपी) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं. इस बारे में हम स्पष्ट हैं और हमारे सहयोगी जो भी फैसला करेंगे, हम उसका समर्थन करेंगे.’’


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लोगों को अब भ्रम नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र में राजनीतिक बिखराव को दूर करेंगे, सुले ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों ने भ्रम को दूर कर दिया है. सुले ने इस बात से इनकार किया कि केवल 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की कोई रणनीति थी. उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा (एसपी) रणनीति बनाने वाली नहीं, बल्कि सेवा करने वाली पार्टी है. हम रणनीति नहीं बनाते... हम राष्ट्र की सेवा और अच्छे नीतिगत काम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.’’


उन्होंने कहा कि राकांपा (एसपी) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 विधानसभा सीट में से (एमवीए सहयोगियों की सीट बंटवारे की व्यवस्था के अनुसार) 86 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसे अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा है.


सुले ने कहा कि एमवीए सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में देरी में कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘एक जीवंत लोकतंत्र में गठबंधन की बातचीत में समय लगता है, हमें सहयोगियों के प्रति सम्मान रखना चाहिए. हमने सुनिश्चित किया कि हम किसी पर दबाव नहीं डालें.’’ इस साल चौथी बार लोकसभा का चुनाव जीतने को लेकर मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए सुले ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बारामती में विधानसभा चुनाव निष्पक्ष होंगे . उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन लोगों को धमका रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘लोग बहादुर हैं और मैं उनके साथ खड़ी रहूंगी.’’


सुप्रिया सुले ने अजित पवार के बारामती के मतदाताओं से वोट मांगने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘मेरी राजनीति देश की सेवा करने और अच्छे एवं गंभीर नीतिगत कार्य करने के लिए है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं वोट मांगूंगी, तो यह मेरी खुशी के लिए नहीं होगा, यह लोगों की खुशी के लिए होगा. मैं चाहती हूं कि मेरा हर साझेदार खुश रहे. अगर वे खुश हैं, तो मैं भी खुश रहूंगी.’’