मुंबई: मुंबई की एक कोर्ट ने शादीशुदा जीवन को लेकर बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया. जो शादीशुदा लोगों के लिए एक नजीर की तरह की काम करेगा. सास-ससुर के खिलाफ बहू की शिकायत के एक मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि ससुराल में हंसी-मजाक और सास-ससुर के ताने शादीशुदा जिंदगी का हिस्सा है. ये तो हर परिवार में होता ही है.


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मुंबई (Mumbai) में सेशन कोर्ट ने मालाबार हिल के निवासी 80 और 75 साल के बुजुर्ग दंपति को बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी. हालांकि दुबई (Dubai) जाने की आशंका के चलते सास-ससुर का पासपोर्ट कोर्ट (Court) ने अपने पास जमा कर लिया है. दरअसल बहू ने अपने सास-ससुर पर ससुराल में बुरा व्यवहार करने का आरोप लगाया था.


बहू ने सास-ससुर पर लगाए ये आरोप


बता दें कि साल 2018 में इस 30 साल की महिला ने दुबई में बस चुके अपने स्कूल फ्रेंड के साथ की. महिला के मुताबिक, शादी के कुछ दिन पहले जब रजिस्ट्रेशन के कागज तैयार किए जा रहे थे तब पता चला कि उसका पति अपने माता-पिता का असली बेटा नहीं है. बल्कि वो उनके घर की नौकरानी का बेटा है, जिसे सास-ससुर ने गोद लिया था.


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बहू ने अपने सास-ससुर पर ये भी आरोप लगाया कि ससुराल में उसे फ्रिज तक छूने नहीं दिया जाता है और बासी खाना खिलाया जाता है. इसके अलावा सास-ससुर उसे लिविंग रूम में भी सोने के लिए मजबूर करते हैं.


सास-ससुर ने नहीं दिया कोई गिफ्ट


महिला के मुताबिक, उसके सास-ससुर ने शादी के बाद उसे कोई गिफ्ट नहीं दिया और ऊपर से करीब 1.5 करोड़ रुपये के हीरे-जवाहरात पर कब्जा कर लिया, जो उसके माता-पिता ने दिए थे.


कोर्ट में बहू ने बताया कि उसका पति अपने माता-पिता के खिलाफ कोई शिकायत गंभीरता से नहीं लेता है. सभी बातों को मजाक में टाल देता है. मेरा पति उलटा मुझे ही सास-ससुर की बात मानने को कहता है. अब मैं क्या करूं?


बहू ने बताया कि एक बार उसके पति ने दुबई से 15 किलोग्राम ड्राई फ्रूट्स भेजे तो ससुराल पहुंचने पर मेरी सास ने बाकायदा उनका वजन करवाया कि मैंने रास्ते में कहीं खा तो नहीं लिए. बहू ने आगे कहा कि ये अत्याचार यहीं खत्म नहीं होता है. मुझे अपने मायके जाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है.


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नवभारत टाइम्स के हवाले से खबर है कि बहू ने कोर्ट में ये भी कहा कि उसके सास-ससुर की संपत्ति का मामला इंटरनेशनल कॉन्सॉर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की लिस्ट में है.


सास-ससुर के वकील ने दी सफाई


वहीं सास-ससुर का पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि बहू को पति के गोद लिए जाने की बात पहले से मालूम थी. सिर्फ कुछ दिनों में इतना सबकुछ कैसे हो गया? जबकि बहू तो शादी के बाद सिर्फ 10 दिन तक ही सास-ससुर के साथ रही. बच्चों की शादी का खर्च बेटे और बहू के परिवार ने बराबर उठाया था.


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