नई दिल्ली: आगरा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ कश्मीरी छात्र (Kashmiri Students) भारत के पाकिस्तान से हारने पर जश्न मना रहे थे. उनके जश्न का वीडियो वायरल होने पर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है. 


मैच में भारत की हार पर मनाया था जश्न


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आपको जानकर हैरानी होगी कि ये सभी कश्मीरी छात्र Prime Minister's Special Scholarship Scheme के तहत भारत सरकार से मिलने वाले वजीफे पर इस कॉलेज में पढ़ रहे थे. ये गद्दारी की हद है कि ये छात्र स्कॉलरशिप तो भारत सरकार से ले रहे हैं हैं लेकिन जय जयकार कर रहे हैं पाकिस्तान की. हमें इनके कुछ Whats App Chats भी मिले हैं. इससे आपको ये पता चलेगा कि इनके मन में भारत के लिए कितना जहर है और पाकिस्तान (Pakistan) के लिए कितना प्रेम है.


24 अक्टूबर को हुए मैच में पाकिस्तान (Pakistan) की जीत के बाद आगरा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में तीन कश्मीरी छात्रों (Kashmiri Students) ने जश्न के दौरान पाकिस्तान ज़िन्दाबाद और भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाए थे. इसके अलावा इन लोगों ने अपने Whats App Status पर भी भारत के खिलाफ़ आपत्तिजनक बातें लिखी और पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद रिज़वान के मैच के दौरान नमाज़ पढ़ने का वीडियो भी अपने Status पर लगाया था. जिसके बाद कॉलेज के दूसरे छात्रों की शिकायत पर इन तीनों कश्मीरी छात्रों को गिरफ़्तार कर लिया गया.


पकड़े गए तीनों कश्मीरी छात्र


इन तीनों छात्रों (Kashmiri Students) का नाम है. इनायत अल्ताफ शेख, साकेत अहमद गनी और अरसीद युसूफ. ये तीनों ही जम्मू कश्मीर से आते हैं और हैरानी की बात ये है कि ये तीनों लोग आगरा के इंजीनियरिंग कॉलेज में केन्द्र सरकार की एक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत पढ़ रहे थे. यानी पढ़ाई इस देश के पैसों पर कर थे और जश्न पाकिस्तान की जीत का मना रहे थे. केन्द्र सरकार की इस योजना का नाम है Prime Minister's Special Scholarship Scheme.


इस स्कीम की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी, जब देश में UPA की सरकार थी और प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह थे. इस स्कीम को शुरू करने का मकसद था जम्मू कश्मीर के युवाओं को देश के दूसरे राज्यों में पढ़ाई करने के समान अवसर देना. तब से लेकर अब तक हर साल औसतन चार से पांच हज़ार कश्मीरी छात्र देश के अलग अलग राज्यों के कॉलेजों और Universities में पढ़ने के लिए आते हैं.


कश्मीरी छात्रों को हर साल करोड़ों रुपये की मदद 


इस स्कीम के तहत प्रत्येक छात्र को दो तरह के लाभ दिए जाते हैं. पहला उस छात्र की पढ़ाई का सारा खर्च प्रधानमंत्री कार्यालय उठाता है. दूसरा उस छात्र को Maintenance Fees के तौर पर हर साल एक लाख रुपये दिए जाते हैं. यानी 24 अक्टूबर को आगरा के इंजीनियरिंग कॉलेज में जिन तीन कश्मीरी छात्रों (Kashmiri Students) ने पाकिस्तान (Pakistan) की जीत का जश्न मनाया और भारत विरोधी लगाए, उन सबको प्रधानमंत्री कार्यालय से हर साल एक लाख रुपये की मदद मिलती है.


यानी इन्हें पढ़ने के लिए पैसा तो इस देश के प्रधानमंत्री से चाहिए. लेकिन ये गुण पाकिस्तान के गाते हैं. हमें लगता है कि पाकिस्तान की ताकत उसका परमाणु बम नहीं है. बल्कि उसकी ताक़त भारत में रह रहे ऐसे लोग हैं, जो पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाते हैं और देश विरोधी नारे लगाते हैं. 


पाकिस्तानी झंडे को किया सैल्यूट


इसमें इनायत अल्ताफ शेख नाम का कश्मीरी छात्र अपने Whats App Status पर लिखता है कि ''क्या हाल हुआ इंडिया का. Well Played Pakistan, Win By 10 Wickets. रिज़वान बाबर Love You. अपने दूसरे Status में यही छात्र मोहम्मद रिज़वान की मैच के दौरान नमाज़ पढ़ने की तस्वीर लगाता है और लिखता है कि It Deserve Win. यानी ये जीत के हकदार थे. एक और Status में ये पाकिस्तानी गेंदबाज शाहीन अफरीदी की तस्वीर पर लिखता है कि कोई पूछे तो बोलना कि लाला का दामाद आया था. यानी शाहीद अफरीदी का. यहां ये पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज को भी सैल्यूट करता है.


अरसीद युसूफ नाम का छात्र अपनी Whats App Chat में लिखता है कि कश्मीर मेरा देश है, जो अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का भाग है. फिर ये लिखता है कि समझ रहे हो. दूसरी तरफ़ से जब एक छात्र इससे ये पूछता है कि क्या भारत तुम्हारा देश नहीं है तो ये लिखता है कि मेरा देश कश्मीर है. इसी चैट में ये हमारे देश के लिए अपशब्द भी लिखता है और पाकिस्तान की तारीफ भी करता है. इस मामले में जो FIR दर्ज हुई है, उसमें भी इस घटना का विस्तार से ज़िक्र है.


कॉलेज प्रबंधन ने संस्थान से सस्पेंड किया


इसमें लिखा है कि 24 अक्टूबर को पाकिस्तान (Pakistan) की जीत के बाद आगरा के आर.बी.एस कॉलेज में इनायत अल्ताफ शेख, साकेत अहमद गनी और अरसीद युसूफ नाम के छात्रों ने देश विरोधी नारे और भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगाए गए थे. हालांकि आज इन तीनों आरोपियों (Kashmiri Students) को आगरा की एक कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इसके अलावा इन छात्रों के खिलाफ दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने और साम्प्रदायिक सौहार्द को ख़राब करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिस इंजीनियर कॉलेज में ये तीनों छात्र पढ़ते थे, वहां की Hostel Discipline Committe ने भी इन्हें तुरंत प्रभाव से Suspend कर दिया है.


 भारत में पाकिस्तान का एजेंडा चलाने का केवल एक यही तरीका नहीं है. हमारे ही देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो धर्म के आधार पर Fake एजेंडा सेट करते हैं. जब उनकी चोरी पकड़ी जाती है तो वो गायब हो जाते हैं. और आज भी ट्विटर पर कुछ ऐसा ही हुआ.


ट्विटर पर पोस्ट की फेक स्टोरी


नोमान सिद्दीकी नाम के एक ट्विटर हैंडल से एक बड़ी अच्छी कहानी पोस्ट की गई. कहानी कुछ इस तरह थी कि इस व्यक्ति ने दिल्ली में एक कैब बुक की.  कैब ड्राइवर ने जब बुकिंग मे इस व्यक्ति का नाम देखा तो उसे पता चला कि ये व्यक्ति तो मुसलमान है. इस कैब ड्राइवर ने नोमान सिद्दीकी नाम के इस व्यक्ति को बताया कि वो यूपी से है और वहां पर मुसलमानों (Muslims) को टाइट करके रखा गया है. वो इस व्यक्ति से कहता है कि आपके लोगों को यानी मुसलमानों को इस देश से वापस चले जाना चाहिए, क्यों ये इतनी बेइज्जती सह रहे हैं. आखिर में ये व्यक्ति लिखता है कि वो अब तक इस कैब ड्राइवर के सवाल का उत्तर सोच रहा है.


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डिटेल पूछने पर अकाउंट बंद कर भाग गया


आपको ये कहानी कैसी लगी? हमें लगता है कि आप भी इस कहानी के झांसे में आ गए होंगे. लेकिन सच ये है कि जब ट्विटर पर लोगों ने इस व्यक्ति से इस कैब ड्राइवर की डिटेल शेयर करने के लिए कहा तो इस व्यक्ति ने पहले अपना ये ट्वीट डिलीट कर दिया. बाद में जब एक यूज़र ने यूपी पुलिस को इसकी जानकारी दी तो ये व्यक्ति अपना अकाउंट बन्द करके ट्विटर से भाग गया.


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