नई दिल्ली: पीतल नगरी के रूप में पहचान रखने वाला यूपी (UP) का मुरादाबाद (Moradabad) इन दिनों ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) की वजह से चर्चा में है. यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) की ओर से जारी सालाना फ्रंटियर रिपोर्ट (Annual Frontier Report ) में मुरादाबाद को दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाला शहर (2nd Noisiest City of world) घोषित किया गया है. 


Top 3 में ये शहर


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रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में बांग्लादेश की राजधानी ढाका 119 डेसिबल के साथ पहले नंबर पर, मुरादाबाद 114 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण के साथ दूसरे नंबर पर और इस्लामाबाद 105 डेसिबल के साथ तीसरे नंबर पर है. रिपोर्ट में मुरादाबाद के अलावा भारत के सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों में जयपुर, कोलकाता, आसनसोल और दिल्ली को भी शामिल किया गया है.


आंकड़े को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति: UPPCB


यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के मुरादाबाद जोन के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने UNEP द्वारा जारी इस 114 डेसीबल के आंकड़े को खारिज करते हुए गलत और संदिग्ध करार दिया है. उन्होंने कहा, 'शहर में ऐसी किसी गतिविधि के बारे में विभाग को कोई जानकारी नहीं दी गई. हमें ये भी नहीं पता कि ध्वनि प्रदूषण की निगरानी के लिए शहर में कोई कैंप लगा था. ये आंकड़ा गलत है क्योंकि ध्वनि प्रदूषण का स्तर यहां तक नहीं पहुंचा है.'


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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?


वहीं मुरादाबाद में इको सिस्टम पर काम कर रहे प्रोफेसर प्रशांत ने कहा, 'इतना ध्वनि प्रदूषण शहर में नहीं हो सकता. कम्युलेटिव इफेक्ट के कारण शायद कुछ सेकेंड के लिए ऐसा हुआ हो. इस डाटा को लेकर कुछ कंफ्यूजन की स्थिति है.'


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