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नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने कहा कि फिलीपींस के विज्ञान पाठ्यक्रम में बैचलर डिग्री को भारत में एमबीबीएस (MBBS) पाठ्यक्रम के बराबर नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसमें जीव विज्ञान (Zoology) के विषय शामिल हैं, जो यहां 11वीं और 12वीं कक्षाओं के विषयों के बराबर हैं.
आयोग ने अपने हालिया नोटिस में ये भी कहा है कि नियमों के अनुसार, विदेशी मेडिकल योग्यताएं या पाठ्यक्रम, जो भारत में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के बराबर नहीं हैं, उन्हें देश में चिकित्सा सेवाओं के पंजीकरण के लिए पात्रता के योग्य नहीं माना जा सकता है. भारत में डॉक्टर बनने की इच्छा रखने वाले युवाओं की राह बेहद मुश्किल है. NEET परीक्षा में कड़ी प्रतिस्पर्धा और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की बेहिसाब फीस के चलते छात्र विदेश से MBBS की डिग्री पाना पसंद करते हैं. मगर यहां भी मुश्किल खत्म नहीं होती.
विदेशी यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर लौटे छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए FMGE की परीक्षा पास करना अनिवार्य है. यह परीक्षा साल में 2 बार आयोजित की जाती है मगर इसमें सफलता की दर बेहद कम है.
FMG यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट के लिए NBE एक परीक्षा आयोजित करता है. यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जिसमें 50 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी होता है. अलग-अलग देशों की यूनिवर्सिटी के मेडिकल कोर्सेज के डिफरेंस के कारण यह परीक्षा आयोजित की जाती है. इसे क्वालिफाई करने के बाद ही उम्मीदवारों को भारत में प्रैक्टिस की अनुमति मिलती है. आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद बीते वर्षों के एग्जाम रिजल्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस एग्जाम में छात्रों के पास होने का प्रतिशत बेहद कम है.
(इनपुट:एजेंसी आईएएनएस के साथ)