नई दिल्ली : मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने वाले विधेयक को आज सरकार द्वारा  लोकसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. मई में दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद लोकसभा के पहले सत्र के पहले ही दिन सरकार ने तीन तलाक विधेयक का मसौदा पेश किया था. लोकसभा में आज इस बिल पर चर्चा के बाद तीन तलाक बिल को पारित किए जाने की संभावना है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है. पीएम नरेंद्र मोदी तीन तलाक बिल को लेकर अपनी प्रतिबद्धता कई बार जाहिर कर चुके हैं.


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पिछली बार राज्यसभा से पारित नहीं हो पाया था बिल
जून में 16 वीं लोकसभा के भंग होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था, क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था. दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है.


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दो बार तीन तलाक बिल पेश कर चुकी है मोदी सरकार
सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक अध्यादेश जारी किया था. इसका कारण यह है कि लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक के पारित होने के बाद वह राज्यसभा में लंबित रहा था.  मुस्लिम महिला(विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के तहत तीन तलाक के तहत तलाक अवैध, अमान्य है और पति को इसके लिए तीन साल की कैद की सजा होगी. 17वीं लोकसभा के प्रथम सत्र में नयी सरकार की योजना तीन तलाक की प्रथा पर पाबंदी लगाने सहित 10 अध्यादेशों को कानून में तब्दील करने की है. दरअसल, इन अध्यादेशों को सत्र के शुरू होने के 45 दिनों के अंदर कानून में तब्दील करना है अन्यथा वे निष्प्रभावी हो जाएंगी.