स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, “वैदिक विधान से शिला पूजन के लिए हम 17 फरवरी को अयोध्या श्री रामाग्रह यात्रा करेंगे. जैसे कभी महात्मा गांधी ने सत्याग्रह किया था, वैसे ही हम सब राम के लिए रामाग्रह आंदोलन चलाएंगे.”
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प्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर के लिए शिला पूजन के उद्देश्य से द्वारका पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 17 फरवरी को यहां से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे. यमुना तट पर स्थित मनोकामेश्वर मंदिर परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, “वैदिक विधान से शिला पूजन के लिए हम 17 फरवरी को अयोध्या श्री रामाग्रह यात्रा करेंगे. जैसे कभी महात्मा गांधी ने सत्याग्रह किया था, वैसे ही हम सब राम के लिए रामाग्रह आंदोलन चलाएंगे.”
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने रामलला विराजमान की जगह को राम जन्मभूमि माना है. जब तक कोर्ट से उसके विपरीत कोई निर्णय नहीं आ जाता, तब तक वहां जाना न्यायालय की अवज्ञा नहीं है.
Shankaracharya Swaroopanand Saraswati: On 17 February, we will head towards Ayodhya from Prayagraj and on 21 February we will lay the foundation stone of Ram Temple. pic.twitter.com/8FWlgcyfvb
— ANI UP (@ANINewsUP) February 11, 2019
यह पूछे जाने पर कि वह चुनाव नजदीक आते ही अयोध्या क्यों जा रहे हैं, स्वामी स्वरूपानंद ने कहा, “चुनाव तो लगातार होते ही रहते हैं. इससे पहले विधानसभा के चुनाव हुए, अब लोकसभा का होगा. हमें किसी के जीतने या हारने की चिंता नहीं है. हम तो यह चाहते हैं कि जहां राम जन्मभूमि है, वहां मंदिर बने और मंदिर बनने से किसी भी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा.”
पूर्व में किए गए शिलान्यास के बारे में उन्होंने कहा, “वह शिलान्यास ऐसे स्थान पर हुआ जहां नहीं होना चाहिए था. वह शिलान्यास गर्भगृह में नहीं था और उसका मुहूर्त भी गलत था. साथ ही वह गर्भगृह से 192 फुट दूर बिना विधि विधान से किया गया था.”
स्वामी स्वरूपानंद ने कहा, “हम अयोध्या जाएंगे और गर्भगृह में चार शिलाएं रखेंगे. हम लोग सविनय अवज्ञा करेंगे. अखाड़े के महात्मा और दूसरे महात्मा हमसे मिलते रहते हैं. सबकी सहानुभूति हमारे साथ है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि हाल ही में मिले थे और कहा था कि वह हमारे साथ हैं.”
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में सबसे पहले यह लिखा गया है कि भारत की सर्वोच्च संस्था जनता में निहित है. “मैं जनता की प्रेरणा से उनकी भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए उनको ही अपना सर्वोच्च मानते हुए अयोध्या जा रहा हूं.”
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस मंदिर बनवाएगी, उन्होंने कहा, “कोई भी दल हो चाहे वह कांग्रेस हो, भाजपा हो या सपा हो, कोई भी दल मंदिर तो क्या, मस्जिद, गुरूद्वारा या चर्च भी नहीं बना सकती. किसी भी पार्टी को सत्तारूढ़ होने के लिए संविधान की शपथ लेनी होगी और भारत का संविधान धर्म निरपेक्ष है.” इस संवाददाता सम्मेलन में जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी राम नरेशाचार्य जी महाराज, अग्नि पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मऋषि राम कृष्णानंद जी महाराज, रसिक पीठाधीश्वर अयोध्या जनमेजय शरण जी महाराज और अकाल तख्त के चैतन्य जी उपस्थित थे.