फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है 'हंसी', अब सड़कों पर मांग रही है भीख, ऐसी क्या है मजबूरी?
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फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है 'हंसी', अब सड़कों पर मांग रही है भीख, ऐसी क्या है मजबूरी?

 आपको बता दें, हंसी प्रहरी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय से दो बार एमए किया है और वह कॉलेज में छात्र चुनाव में उपाध्यक्ष भी रहा चुकी है, लेकिन परिस्तिथिवश अब उसे हरिद्वार में खानाबदोश का जीवन गुजारना पड़ रहा है. 

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है 'हंसी', अब सड़कों पर मांग रही है भीख, ऐसी क्या है मजबूरी?

हरिद्वार: कुमाऊं यूनिवर्सिटी का कैंपस कभी हंसी प्रहरी के नाम के नारों से गूंजता था. प्रतिभा इस कदर भरी थी कि वाइस प्रेसीडेंट का चुनाव लड़ी और जीत भी गई. राजनीति और इंग्लिश जैसे विषयों में डबल एमए किया. मगर अब उत्तराखंड में हरिद्वार की सड़कों पर अपने 6 साल के बच्चे के साथ भीख मांगती घूम रही है हंसी. हर किसी को इस बात का यकीन था कि हंसी जीवन में कुछ बड़ा करेगी, मगर ताज्जुब की बात है कि पढ़ी-लिखी होने के साथ फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाली हंसी कैसे सड़कों पर आ गई? जो लड़की कभी विश्वविद्यालय की पहचान हुआ करती थी, वह आज भीख मांगने के लिए मजबूर है. हरिद्वार की सड़कों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और गंगा के घाटों पर उसे भीख मांगते हुए देखने पर शायद ही कोई यकीन करे कि उसने अपने जीवन में इतना नाम कमाया था.

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स्टूडेंट यूनियन की वाइस प्रेसिडेंट, 4 साल लाइब्रेरियन रही हंसी
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर क्षेत्र में एक गांव पड़ता है, जिसमें पली-बढ़ी हंसी पांच भाई-बहनों में से सबसे बड़ी है. वह पूरे गांव में अपनी पढ़ाई को लेकर चर्चा में रहती थी. पिता छोटा-मोटा रोजगार करते थे. उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए दिन रात एक कर दिया था. गांव से छोटे से स्कूल से पास होकर हंसी कुमाऊं विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने पहुंची तो परिजनों की उम्मीदें बढ़ गईं. हंसी पढ़ाई लिखाई के साथ ही दूसरी एक्टिविटीज में बढ़चकर भाग लेती थी. साल 1998-99 में वह तब चर्चा में आई जब कुमाऊं विश्वविद्यालय में छात्र यूनियन की वाइस प्रेसिडेंट बनी. हंसी विश्वविद्यालय में 4 साल लाइब्रेरियन भी रही. हंसी के मुताबिक उसने करीब चार साल विश्वविद्यालय में नौकरी की. 2011 के बाद हंसी की जिंदगी अचानक से बदल गई. उसने साफ-साफ कुछ भी बताने से तो इनकार कर दिया पर हंसी ने बताया कि वह इस वक्त जिस तरह की जिंदगी जी रही है, वह शादी के बाद हुई आपसी विवाद का नतीजा है.

NGO सहित सरकार की  भी मिलेगी मदद
उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा हरिद्वार पहुंची, जहां उन्होंने सोशल मीडिया पर चर्चा में आई कुमाऊं यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा हंसी प्रहरी से मुलाकात की. हंसी प्रहरी 12 सालों से हरिद्वार में भीख मांगकर अपना पेट भरने का काम तो कर ही रही है बल्कि अपने बेटे को भी पढ़ा लिखा रही है. मामला संज्ञान में आने पर हरिद्वार पहुंची मंत्री रेखा आर्य ने हंसी से एक घंटे बंद कमरे बातचीत और उन्हें सरकार की तरफ से महिला विकास विभाग में नौकरी और आवास देने का ऑफर किया. इतना ही नहीं, रेखा आर्य ने हंसी की काउंसलिंग कराने और उसकी इस हालत के पीछे जिम्मेदार लोगों पर भी सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. वही हंसी ने रेखा आर्य द्वारा दिए गए ऑफर को स्वीकार करने के लिए एक दिन का समय मांगा और कहा कि विचार विमर्श करने के बाद ही वह कोई निर्णय लेगी. आपको बता दें, हंसी प्रहरी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय से दो बार एमए किया है और वह कॉलेज में छात्र चुनाव में उपाध्यक्ष भी रहा चुकी है, लेकिन परिस्तिथिवश अब उसे हरिद्वार में खानाबदोश का जीवन गुजारना पड़ रहा है. सोशल मीडिया पर चर्चा में आने के बाद उन्हें कई समाजसेवी संगठनों के साथ ही सरकार की तरफ से भी मदद का भरोसा मिला है. 

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