कुमाऊं यूनिवर्सिटी का कैंपस कभी हंसी प्रहरी के नाम के नारों से गूंजता था. प्रतिभा इस कदर भरी थी कि वाइस प्रेसीडेंट का चुनाव लड़ी और जीत भी गई. राजनीति और इंग्लिश जैसे विषयों में डबल एमए किया. मगर अब उत्तराखंड में हरिद्वार की सड़कों पर अपने 6 साल के बच्चे के साथ भीख मांगती घूम रही है हंसी. हर किसी को इस बात का यकीन था कि हंसी जीवन में कुछ बड़ा करेगी, मगर ताज्जुब की बात है कि पढ़ी-लिखी होने के साथ फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाली हंसी कैसे सड़कों पर आ गई? जो लड़की कभी विश्वविद्यालय की पहचान हुआ करती थी, वह आज भीख मांगने के लिए मजबूर है. हरिद्वार की सड़कों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और गंगा के घाटों पर उसे भीख मांगते हुए देखने पर शायद ही कोई यकीन करे कि उसने अपने जीवन में इतना नाम कमाया था.