बेहमई कांड में फैसला टला, अब 18 जनवरी को आएगा निर्णय, 20 लोगों की हत्या का है मामला
Advertisement

बेहमई कांड में फैसला टला, अब 18 जनवरी को आएगा निर्णय, 20 लोगों की हत्या का है मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास बेहमई कांड हुआ था, जिसमें फूलन देवी और उसके साथियों पर 20 लोगों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है. 

फूलन देवी की फाइल फोटो.

कानुपर: देश के बहुचर्चित बेहमई कांड पर फैसला टल गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब इस मामले में 18 जनवरी को फैसला आएगा. इस मामले की सुनवाई 38 वर्षों से कानपुर देहात के जिला कोर्ट में चल रही है. इस दौरान इस केस से जुड़े कई आरोपियो की मौत हो चुकी है. 

बेहमई हत्याकांड पर सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से एक याचिका दी गई थी. बचाव पक्ष हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की दलीलें कोर्ट के सामने रखना चाहता है. इस पर कोर्ट ने बचाव पक्ष को दलीलें रखने के लिए 16 जनवरी तक का वक्त दिया है. दलीलों को देखने के बाद कोर्ट 18 जनवरी को फैसला सुनाएगा.

गौरतलब है कि 14 फरवरी 1981 को उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास बेहमई कांड हुआ था, जिसमें फूलन देवी और उसके साथियों पर 20 लोगों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है. 

इस मामले में कुल 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन चार्जशीट में फूलन देवी समेत 6 लोगों का ही नाम था. चार्जशीट में श्यामबाबू, भीखा, विश्वनाथ, पोशा और राम सिंह का नाम शामिल था. 

इनमें से राम सिंह की 13 फरवरी 2019 को जेल में मौत हो गई. पोशा जेल में बंद है, जबकि अन्य तीन आरोपी अभी जमानत पर हैं. नामजद डकैत विश्वनाथ और रामकेश फरार चल रहे हैं. इन दोनों की पुलिस अब तक तलाश नहीं कर पाई है.

इस केस की सुनवाई के दौरान गवाही के बाद अभियोजन पक्ष के पत्र के आधार पर मान सिंह को भी आरोपी बनाया गया था, तब से वह भी फरार चल रहा है.  इस केस में कुल 6 गवाह बनाए गए थे, जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है. सिर्फ 2 गवाह, जंटर सिंह और वकील सिंह ही जिंदा बचे हैं. 

फूलन देवी का जन्म उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के पथेराकला गांव में एक दलित परिवार में हुआ था. बेहमई गांव के ठाकुरों पर फूलन देवी का गैंगरेप करने और फिर पूरे गांव में आपत्तिजनक स्थिति में घुमाने का आरोप लगा था. 

फूलन देवी पर आरोप है कि वह ठाकुरों की कैद से बचकर भागने में सफल रहीं। इस घटना के कई महीनों बाद 14 फरवरी 1981 को वह दस्यु सुंदरी बनकर लौटीं और अपने साथियों के साथ मिलकर बेहमई के 20 ठाकुरों को मौत के घाट उतार दिया.

Trending news