होली की मस्ती में सराबोर है देश, 492 साल बाद पहली बार ऐसी पोशाक में दिखे रामलला
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होली की मस्ती में सराबोर है देश, 492 साल बाद पहली बार ऐसी पोशाक में दिखे रामलला

रामलला बांके बिहारी से भेजे हुए रंग व गुलाल से होली खेले. रामलला तीनों भाइयों सहित बांके बिहारी के भेजे हुए वस्त्रों को धारण किया.  

रामलला होली के मौके पर नए वस्त्रों के साथ

लखनऊ: होली के त्योहार पर क्या बच्चे क्या बुजुर्ग? सभी रंगों के रंग में सराबोर हैं. सड़कों पर खुलेआम मस्ती कर रहे हैं. एक दूसरे को रंग गुलाल लगा रहे हैं. देशभर में रंगों का त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है. राजधानी लखनऊ में कोविड गाइडलाइन का लोग पालन कर रहे हैं. अपने-अपने घरों में रहकर होली को सेलिब्रेट कर रहे हैं. वहीं, अयोध्या में श्री रामलला विराजमान होली के मौके पर सफेद खादी सिल्क के वस्त्र को धारण कर लिया है. यह पहली बार है जब रामलला इस अनोखे अंदाज में नजर आए हैं. उन्होंने 492 साल बाद बांके बिहारी के वस्त्रों को धारण किया.

मथुरा: होली पर मथुरा-वृंदावन में हर बार की तरह इस बार भी अजब-गजब का माहौल दिखा. रंग, गुलाल, हंसी, ठिठोली में सराबोर चहुंओर खुशी का माहौल है, क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या जवान हर किसी के सिर पर सिर्फ और सिर्फ उल्लास छाया है. 

अयोध्या: रामलला बांके बिहारी से भेजे हुए रंग व गुलाल से होली खेले. रामलला तीनों भाइयों सहित बांके बिहारी के भेजे हुए वस्त्र का धारण किया. होली सोमवार के दिन पड़ रही है इसलिए वृंदावन बांके बिहारी मंदिर की ओर से रामलला को सफेद वस्त्र, वह भी अलग-अलग रंगों से कढ़े हुए भेजे गए हैं. उसके साथ पीले रंग का हर्बल गुलाल भी रामलला के लिए भेजा गया है.

वाराणसी: जिले में होली का रंग फीका होता हुआ हुआ देखने को मिल रहा है. लोग कोविड की वजह से घरों में रह कर होली खेल रहे हैं. वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर जो नजारा देखने को मिलता था वो इस बार की होली में नहीं दिख रहा है. वाराणसी के गंगा घाट पर धारा 144 लागू है और प्रशासन लगातार लोगों से अपने घरों में रहकर कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए होली खेलने की अपील कर रही है. लिहाजा घाट पर सन्नाटा पसरा हुआ दिख रहा है.

लखनऊ: होली के त्योहार को लेकर राजधानी लखनऊ में लोग कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए नज़र आ रहे हैं. इसीलिए इस बार चौराहों पर कम भीड़ दिखाई पड़ रही है. लोग एक-दूसरे को सोशल डिस्टेंसिग के साथ बधाई देते दिखे.

 फर्रुखाबाद: जिले के नगला देवतन में होली मनाने का तरीका कुछ अलग ही है. यहां होली जलाने से पहले जैसे महिलाएं अपने घरों को गोबर से लीपकर पवित्र करती हैं. उसी प्रकार यहां पुरुष लोग गाय के गोबर को परंपरागत घोलकर आपस में एक दूसरे को लगाते हैं. इसके पीछे मान्यता है कि गोबर पवित्र बताया गया है. बुजुर्गों ने यह परंपरा बनाई थी, तब से आज तक लोग इसी परंपरा को निभाते रहे हैं. 

झांसी: बुंदेलखंड में शिवरात्रि से ही होलियारे गांव-गांव में घूमने लगते हैं. रंगों का त्योहार मनाने का यहां अलग ही अंदाज है. यहां होली उत्सव को फाल्गुन मास की पूर्णिमा से गांव-गांव में फाग गीतों पर डांस शुरू होता है. एरच नगर में होली गीत पर राई डांस की मस्ती का लोग आनंद लेते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर खुशियां मना रहे हैं.

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान होली के त्योहार पर अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. निरंजनी अखाड़े द्वारा होली के पावन अवसर पर फूलों की होली का आयोजन किया गया. होली के कार्यक्रम में तमाम साधु-संतों ने फूलों की होली खेली. इस दौरान साधु-संतों के साथ कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने भी जमकर ठुमके लगाए. साधु-संतों ने देशवासियों को होली की शुभकामनाएं दीं.

देहरादून: जिले में होली की धूम मची हुई है. सोमवार को शहर के कई हिस्सों में पर्व पर कार्यक्रम आयोजित किए गए. लोगों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की बधाई दी. इससे पहले होलिका दहन के वक्त गीत-संगीत कार्यक्रम में लोग जमकर झूमे.

गाजीपुर बॉर्डर: कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने नाच-गाकर और एक-दूसरे को रंग लगाकर होली मनाई. इस दौरान किसानों में गजब का उत्साह नजर आ रहा था.

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