धीरेन्द्र मोहन गौड़/खटीमा: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बाद देश- प्रदेश में फैल रहा बर्ड फ्लू (Bird Flu) लोगों की चिंता का विषय बन गया है. करीब 6 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद उत्तराखंड प्रशासन भी सावधानी बरत रहा है. केंद्र सरकार द्वारा बर्ड फ्लू को लेकर जारी की गई एडवाइजरी के बाद वन विभाग ने जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन के इस्तेमाल का निर्णय लिया है.


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एवियन इन्फ्लूएंजा पर रखी जाएगी नजर
तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ (Divisional Forst Officer) संदीप कुमार ने बताया कि  बैगुल, शारदा सागर , नानक सागर और धौरा डैम में अब ड्रोन के माध्यम से प्रवासी पक्षियों की एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) के लिए हफ्ते में दो दिन मॉनिटरिंग की जाएगी. इससे जलाशयों में प्रवास पर आए इन पक्षियों की गतिविधियों पर नजदीक से नजर रखी जा सकेगी.


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फोटो और वीडियो के जरिए किया जाएगा एनालिसिस
संदीप कुमार ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से क्षेत्र की एरियल वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कर सघन विश्लेषण किया जायेगा. एवियन इन्फ्लूएंजा के किसी भी केस के संज्ञान में आने के तुरंत बाद रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी.


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कोरोना वायरस के दौरान भी इस्तेमाल में आया ड्रोन
कोरोना वायरस में भी लोगों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा चुका है. अब फिर से ड्रोन बर्ड फ्लू के दौरान इस्तेमाल में आने वाला है.


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क्या है बर्ड फ्लू
Bird Flu की बीमारी Avian Influenza वायरस H5N1 की वजह से होती है.  ये वायरस पक्षियों से मनुष्यों तक पहुंचता है. World Health Organization के अनुसार Bird Flu का इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचना मुश्किल है. लेकिन ये वायरस जानलेवा है. इस वायरस से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 60 प्रतिशत है.


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