यूपी : नकल में नाकाम 10 लाख छात्रों ने छोड़े एग्जाम, Yogi बोले, परीक्षा को और सरल बनाएंगे
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यूपी : नकल में नाकाम 10 लाख छात्रों ने छोड़े एग्जाम, Yogi बोले, परीक्षा को और सरल बनाएंगे

यूपी में इन दिनों हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं. नकल पर लगाम लगाने से ज्यादातर छात्र परीक्षा छोड़ रहे हैं. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नकल पर लगाम शिक्षा में सुधार का एक कदम है

लखनऊ : एग्जाम पास करके नई कक्षा में आना या फिर किसी मुकाम को हासिल करना किसी भी छात्र के लिए सपना होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में एग्जाम को लेकर अलग ही फोबिया देखने को मिल रहा है. यूपी में इन दिनों हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं. नकल पर लगाम लगाने से ज्यादातर छात्र परीक्षा छोड़ रहे हैं. योगी सरकार से पहले कल्याण सिंह ने भी नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाए थे.

  1. 6 फरवरी से शुरू हुए यूपी बोर्ड के एग्जाम
  2. अब तक 10 लाख छात्र छोड़ चुके हैं परीक्षा
  3. नकल रोकने के लिए स्कूलों में सख्त इंतजाम

ज्यादातर सीट खाली
एग्जाम का शनिवार को चौथा दिन था, लेकिन जब टीचर एग्जाम लेने के लिए कक्षाओं में गए तो ज्यादातर सीटें खाली थीं. यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के मुताबिक, चौथे दिन 10 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने एग्जाम नहीं दिया. बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा नकल पर लगाम लगाने जाने से ज्यादातर छात्र परीक्षा से दूर भाग रहे हैं. 

क्या बोले योगी
10 लाख छात्रों द्वारा परीक्षा नहीं दिए जाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने नकल रहित परीक्षा का वादा किया था, यह उसी का नतीजा है. उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों के मन से एग्जाम का फोबिया निकालने पर काम कर रही है. परीक्षा और परीक्षा प्रणाली को और सरल बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं.

10 लाख से अधिक ने छोड़ी परीक्षा
6 से 9 फरवरी के बीच 10,40,619 छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हुए. हाईस्कूल के 6,24,473 और इंटरमीडिएट के 4,10,146 छात्रों ने परीक्षा नहीं दी. माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा के इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी तादाद में परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी है. पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षाओं के दौरान 5.25 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ी थी परंतु इस बार इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों के परीक्षा में शामिल ना होने से यूपी बोर्ड एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हैरत में हैं.

नकल के लिए बदनाम
अगर इलाकों की बात करें तो गाजीपुर, आजमगढ़, देवरिया, बलिया, अलीगढ़, हरदोई, मथुरा, मऊ, मैनपुरी, आगरा तथा इलाहाबाद में सबसे ज्यादा छात्रों ने एग्जाम छोड़े हैं. बता दें कि ये जिले एग्जाम में नकल के लिए बदनाम हैं. परीक्षा छोड़ने में सबसे आगे हरदोई जिले के छात्र हैं. दूसरे नंबर पर आजमगढ़ है. परीक्षा छोड़ने वालों 12वीं के छात्रों की संख्या अधिक बताई जा रही है. 

6 फरवरी से शुरू हुए एग्जाम
यूपी बोर्ड की परीक्षा 6 फरवरी से शुरू हुई थी. इसमें कुल 66 लाख से ज्यादा छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इस बार 10वीं में 36,55,691 छात्र और 12वीं में 29,81,327 छात्र शामिल हैं. प्रदेश सरकार ने नकल रहित एग्जाम के लिए कड़े इंतजाम किए हैं. कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है. इन तीन दिनों में 182 नकलची पकड़े जा चुके हैं. खुद उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कई परीक्षा केंद्रों को दौरा करके परीक्षा इंतजामों का जायजा लिया. 

कल्याण सिंह ने भी दिखाई थी सख्ती
योगी सरकार में जिस तरह की सख्ती दिखाई जा रही है, उसी तरह की सख्ती कल्याण सिंह सरकार के समय में भी देखने को मिली थी. 1992 में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी नकलचियों पर इसी तरह की लगाम लगाई थी. उस समय नकल करने वाले को गिरफ्तार करके जेल भेजने के आदेश दिए गए थे. इस पर विपक्ष ने मुद्दा भी बनाया था और छात्रों की गिरफ्तारी का विरोध किया था.

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