UP News: किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लंबा इंतजार खत्म, यूपी में घर बैठे मरीजों को मिलेगी Transplant की डेट
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UP News: किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लंबा इंतजार खत्म, यूपी में घर बैठे मरीजों को मिलेगी Transplant की डेट

Agra: अंगदान के जरिए हर साल हजारों लोगों की जिंदगी बच रही है... यह सब उन लोगों की वजह से मुमकिन हो पाता है, जो लोग अपनों को खो देने के बावजूद मानवता की सेवा में अंगदान का फैसला कर दूसरों की जिंदगी बचाने का कदम उठाते हैं...आज आगरा में  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एक डिजिटल रजिस्ट्री को लॉन्च करेंगे...

 

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आगरा: देश में अंगदान (organ donation) के प्रति जगरूकता बढ़ाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है.  लोगों की जिंदगी बचाने और जरूरतमंद की मदद के लिए देश में अंगदान को बढ़ावा दिया जा रहा है. यूपी में भी अंगदान को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. 16 सितंबर से यूपी के आगरा में शुरू होने वाले सेवा पखवाड़े में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Union Health Minister Dr. Mansukh Mandaviya) ने अंगदान के संकल्प का नेतृत्व किया.  उन्होने कहा कि एक व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद अंग दान करके अधिकतम आठ लोगों को नया जीवन दे सकता है. 

घर बैठे मिलेगी जानकारी, मिलेगा डिजिटल सर्टिफिकेट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अंगदान को विनियमित करने के उद्देश्य से डिजिटल रजिस्ट्री विकसित की गई है. इसके बाद मरीजों को अंगदान और उसकी वेटिंग लिस्ट के बारे में जानकारी घर बैठे ही मिल सकेगी. सरकार ने देश में अंग प्रत्यारोपण की पूरी प्रणाली को पहली बार डिजिटल रूप दिया है. केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के कार्यक्रम में करीब दस हजार लोगों ने भाग लिया. 

मिलेगा डिजिटल सर्टिफिकेट 
इस डिजिटल रजिस्ट्री (digital registry) से मरीज यह देख सकेगा कि प्रत्यारोपण के लिए अंग की प्रतीक्षा सूची में उसका कौन सा नंबर है.इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति कानूनी तौर पर अपने अंगदान करने का संकल्प भी ले सकेगा. उसे यहां से डिजिटल सर्टिफिकेट भी मिलेगा. इस शुरुआत के साथ अंगदान का संकल्प लेने वालों का आभा खाता भी खुल जाएगा. मनसुख मांडविया ने 23 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं और 87 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की आधारशिला भी रखी.

अंगदान को विनियमित करने के उद्देश्य से की गई है डिजिटल रजिस्ट्री विकसित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry)  के अनुसार, अंगदान को विनियमित करने के उद्देश्य से डिजिटल रजिस्ट्री विकसित की गई है. इससे बिचौलियों की उपस्थिति खत्म होने में मदद मिलेगी. इस डिजिटल रजिस्ट्री को तैयार करने का श्रेय  राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की टीम को जाता है. इसने नीति आयोग से परामर्श के बाद इसे तैयार किया है.

अंग प्रत्यारोपण में आएगी पारदर्शिता 
इस रजिस्ट्री का सबसे बड़ा लाभ अंग प्रत्यारोपण में पारदर्शिता लाना है. इसके अलावा अंगदान का संकल्प लेने वालों का डिजिटल डाटा एकत्र करना है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसके तहत अंगदान प्रतिज्ञा रजिस्ट्री (Organ Donation Pledge Registry) , प्राप्तकर्ता रजिस्ट्री और जीवित और हैं. मृत दाताओं के लिए दो अलग रजिस्ट्रियां बनाई गई हैं. कुल मिलाकर 4 रजिस्ट्री तैयार हुई हैं. 

 केंद्रीय डेटाबेस से होगा लिंक
इन रजिस्ट्रियों को एक केंद्रीय डेटाबेस से लिंक किया है.  इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इस डाटा तक केवल प्रासंगिक हितधारकों की पहुंच होगी. अंगदान (Organ Donation) का संकल्प लेने वालों को ऑनलाइन प्रमाण पत्र (online certificate) उपलब्ध होंगे. 

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