अखिलेश ने फिर किया वार, कहा- '2019 का पहला लक्ष्य BJP को दिल्ली से हटाना'
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अखिलेश ने फिर किया वार, कहा- '2019 का पहला लक्ष्य BJP को दिल्ली से हटाना'

न्होंने कहा कि मेड इन इंडिया के नाम पर बीजेपी ने स्वदेशी आंदोलन को फांसी लगा दी है. विदेशी सामानों का आयात बढ़ रहा है. विकास पिंजरे में कैद हो गया है. 

फोटो साभारः @yadavakhilesh

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मेड इन इंडिया के नाम पर बीजेपी ने स्वदेशी आंदोलन को फांसी लगा दी है. विदेशी सामानों का आयात बढ़ रहा है. विकास पिंजरे में कैद हो गया है. चीन और विदेश से सामान मंगाने के लाइसेंस बंट रहे हैं. बिचैलियों ने व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है. अखिलेश यादव बुधवार को पार्टी मुख्यालय लखनऊ पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे. 

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो सरकार चल रही है उसने दो तरह की शपथ ले रखी है एक संविधान की और दूसरी आरएसएस की. लेकिन संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. वर्तमान में सत्ता में ऐसे लोग काबिज हैं जो सत्ता का दुरूपयोग अपने निजी स्वार्थो के लिए कर रहे हैं. जनता को धोखा दिया जा रहा है. बीजेपी समाज में नफरत और दूरी पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि साल 2019 आ गया है और अब निर्णय का समय आ चुका है.

अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार में नौजवानों की नौकरियों का रास्ता बंद हो गया है. किसानों को फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है. किसान कर्ज से लदे हैं और आत्महत्या कर रहे हैं. महंगाई बढ़ी है. प्रदेश में कानून व्यवस्था ठप्प है. बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं. कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब प्रदेश में हत्या, लूट, दुष्कर्म, अपहरण की घटनाएं न घटती हों, जबकि समाजवादी खुशहाली और रौनक लाना चाहते हैं, बीजेपी उजाड़ने और परेशानी पैदा करने में यकीन रखती है. 

उन्होंने कहा कि समाजवादी चाहते हैं कि मेट्रो रेल में छात्रों के लिए फ्री-पास की व्यवस्था हो. सिंचाई, पढ़ाई और स्वास्थ्य की सुविधाएं हों. युवाओं को नौकरियां मिलनी चाहिए. समाजवादी पेंशन सबके लिए थी, बीजेपी सरकार में उसे खत्म कर दिया गया. सपा मुखिया ने कहा कि सत्ता से बाहर जाते-जाते बीजेपी को अपनी याद के प्रतीक के तौर पर एक जुमला पार्क बनाना चाहिए चूंकि यही बीजेपी की पहचान होगी. फिलहाल पहला लक्ष्य दिल्ली से बीजेपी को हटाने का है. सन 2019 में निर्णय का समय आ चुका है.

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