अखिलेश यादव दिखें 'रामनामी पटके' के साथ, BJP ने याद दिलाया अयोध्या गोलीकांड
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अखिलेश यादव दिखें 'रामनामी पटके' के साथ, BJP ने याद दिलाया अयोध्या गोलीकांड

राज्य सपा कार्यालय में आयोजित एक प्रेस-वार्ता के दौरान यादव ने गले में रामनामी पटका डाला हुआ था.

कुंभ के दौरान संगम में स्नान करते यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को बदले हुए रुप रंग में दिखे. राज्य सपा कार्यालय में आयोजित एक प्रेस-वार्ता के दौरान यादव ने गले में रामनामी पटका डाला हुआ था. पटके पर जय श्री राम लिखा था और हनुमान जी की तस्वीर के साथ गदा भी थी. 

आमतौर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव सफेद कुर्ता- पायजामा के साथ ब्लैक सदरी पहने दिखते हैं. लेकिन आज अपने एवरग्रीन पोशाक के साथ गले में रामनामी पटके के साथ मीडिया से बातचीत कर रहे थे. यादव की पोशाक ने मीडियाकर्मियों को अचरत में डाल दिया. इस तरह के पोशाक में अखिलेश यादव पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए. 

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जन्माष्टमी में गए थे इस्कॉन टेम्पल

इससे पहले 3 सितंबर 2018 को जन्माष्टमी के समय अखिलेश को इस रामनामी के साथ देखा गया था. जब वो अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ इस्कॉन मंदिर में दर्शन करने गये थे. दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने अयोध्या में विष्णु मंदिर बनवाने की बात कही थी. अखिलेश ने कहा था, ''मैं जो कहता हूं, वो करके दिखाता हूं.'' नए रंग रूप में दिखे अखिलेश यादव ने जमकर धार्मिक बातें करते हुए कहा था कि वह रामभक्त भी हैं और कृष्णभक्त भी हैं. रामनामी पटका ओढ़े जाने पर उन्होंने सफाई दी थी कि राम केवल भाजपा के नहीं, सभी के हैं. भाजपा वाले राम का नाम वोट लेने के लिए करते हैं, जबकि हम दिल से राम और कृष्ण अपना मानते हैं.

मोदी के संगम में डूबकी लगाने पर अखिलेश ने ली चुटकी 

समाजवादी पार्टी के राज्य कार्यालय में अखिलेश यादव ने प्रेस-वार्ता के दौरान पीएम मोदी के संगम में डूबकी लगाने पर चुटकी ली. उन्होंने कहा, ''मैंने यूपी के सीएम को भी कुंभ में स्नान करते देखा और पीएम को भी. हालाकि पीएम ने दिखाया की संगम में डूबकी कैसे लगती है. लेकिन सिर्फ संगम में डूबकी लगाने और स्वच्छाग्राहियों के पैर धोने से काम नही चलेगा.''

इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार और बीजेपी पर आम लोगों के साथ वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया.  उन्होंने कहा, ‘’ साफ-सुथरे लोग तभी रहेंगे जब लोग पढ़े लिखेंगे. यह सरकारें लोगों को संपन्न नहीं बनने दे रही हैं. गरीब आज भी दुर्दशा में रह रहा है. देश की जनता देख रही है कि उसको क्या मिला है. केंद्र सरकार ने उसको क्या-क्या दिया है. अब तक आम लोगों से किए वादे पूरे हुए नहीं हुए है.''

अखिलेश कहीं सॉफ्ट-हिन्दूत्व की राजनीति मोदी इफ्केट तो नही?
 
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भले ही पीएम पर तंच कस रहे हों. लेकिन रामनाम के पटके को पहनने को लेकर उनपर सलाव उठ रहा है. माना जा रहा है कि अखिलेश की नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी साफ्ट-हिंदूत्व की राह तो नहीं पकड़ रहे है. या फिर आम लोगों के सामने इस वेश भूषा में आना खुद को सच्चा हिंदू बताने की दौड़ में शामिल होने का प्रयास तो नहीं है.

fallbackबीजेपी ने याद दिलाई सपा के राज में कारसेवकों पर हुआ गोलीकांड

लोकसभा चुनाव से पहले कुंभ में स्नान कर लौटे अखिलेश भले ही राम नाम का सहारा ले रहें हो. लेकिन बीजेपी ने अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव द्वारा अयोध्या में कारसेवकों पर चलाई गई गोलीकांड की याद दिलाई है. 

इस संबंध में बीजेपी नेताओं ने कहा कि उनके नेता सरयू में स्नान कर पश्चाताप करें और रामभक्तों से माफी मांगे. अखिलेश के इस हाव-भाव से जनता उन्हें माफ नही करने वाली है. 

वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनिल सिंह साजन ने कहा, ‘’हमारे नेता के पटके पर सवाल उटाने वालों को ये अधिकार किसने दिया है. क्या अखिलेश यादव हिंदू नही है. ये नकली हिंदू ही सवाल उठाते है. असली हिंदू तो हम ही लोग है.''

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