Bulandshahr Development Authority: प्रदेश सरकार बुलंदशहर समेत अलग-अलग जिलों में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाने और नगरीय सुविधाओं को बढ़ाने पर काम कर रही है. महायोजना 2031 के तहत औद्योगिक-व्यावसायिक और आवासीय गतिविधियों विस्तार को भी बढ़ाया जाएंगा. जिसके लिए सरकार 800 करोड़ रुपये खर्च करेंगी.
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लखनऊ/बुलंदशहर: नोएडा-गाजियाबाद के पास और एनसीआर का अहम हिस्सा बन चुके बुलंदशहर में भी विकास की नई बयार बहेगी. यहां नया आवासीय टाउनशिप के तौर पर नया बुलंदशहर बसाने की तैयारी विकास प्राधिकरण ने कर ली है. मेरठ सिकंदराबाद बाईपास पर ये टाउनशिप डेवलप की जाएगी.
प्राधिकरण बनाएगा अत्याधुनिक आवासीय टाउनशिप
महायोजना के तहत सिकंदराबाद-मेरठ रोड बाईपास के दोनों ओर 500 मीटर तक जमीन उपयोग की जाएगी. बुलंदशहर को आठ जोन में बांटकर विकसित किया जाएगा. इसमें जोन-1 के तहत पुराने शहर का नये सिरे से कायाकल्य किया जाएगा. जिसमें शहर के बीचो-बीच से काली नदी गुजरती है, ऐसे में जोन-2 और जोन-5 में गुजरने वाली नदी के 200 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जाएगा ताकि नदी का अस्तित्व बरकरार रहे.
1500 लोगों को मिलेगा रोजगार
सीएम के निर्देश पर बुलंदशहर के विस्तार का खाका तैयार कर लिया गया है. इसे साल 2031 की अनुमानित जनसंख्या 4 लाख के अनुसार डेवलप किया जाएगा, जबकि अभी की जनसंख्या 2,22,519 बतायी जा रही है. इसके लिए योगी सरकार 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इससे यहां 554 करोड़ का नया इवेस्टमेंट आएगा. अब तक बुलंदशहर को 154 करोड़ के इंवेस्टमेंट के प्रस्ताव मिल चुके हैं. वहीं इससे 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा.
धातु ढलाई, इलेक्ट्रानिक्स पार्ट्स आदि के लिये जाना जाता है बुलंदशहर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक बैठक में कहा कि बुलंदशहर का इतिहास 120 ईसा पहले का है. यहां का पौराणिक इतिहास भी है. वहीं पिछले 6-7 सालों में व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी के साथ बेहतर कनेक्टिविटी और नगरीय सुविधाओं के कारण लोग यहां स्थायी निवास भी बना रहे हैं. इसको ध्यान में रखते हुए बुलदंशहर का विस्तार अति आवश्यक है. ऐसे में उन्होंने महायोजना-2031 के तहत इसके विस्तार की बात कही है. उन्होंने कहा कि बुलंदशहर चीनी मिल, डेयर उद्योग, धातु ढलाई, हैंडपंप और इलेक्ट्रानिक पार्टस के लिये जाना जाता है.
औद्योगिक क्षेत्र का होगा डेवलपमेंट
ऐसे में इन उद्योगों को और विकसित करने के लिए इनका विस्तार किया जाएगा. इसके लिए एक औद्योगिक क्षेत्र डेवलप किया जाए. इस दौरान ट्रांसपोर्ट और मोबिलिटी का विशेष ध्यान रखा जाएग. इसके अलावा सीएम योगी ने लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग हब के लिए भी स्थान चिह्नित करने के आदेश दिये हैं. इतना ही नहीं, आमजन के लिए प्राधिकरण द्वारा नई आवासीय परियोजना की कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया, जिस पर अमल करना भी शुरू हो गया है.
अलग-अलग जोन का डेवलपमेंट
जोन-3 को सेंट्रल प्लानिंग के तहत विकसित किया जाएगा. इसमें पब्लिक एक्टिविटी के लिए गार्डेन और पार्क आदि विकसित किये जाएंगे. जोन-4 शहर का पुराना इंडस्ट्रियल एरिया है, जो अभी की आवश्यकता के अनुसार डेवलप किया जाएगा. जोन-6, जोन-7 और जोन-8 को नये सिरे से डेवलप किया जाएगा. यहां बाईपास, आवासीय योजना, हाईवे फैसेलिटी जोन, नया इंडस्ट्रियल एरिया आदि विकसित किया जाएगा.
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