Hathras Stampede : 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के नाम से मशहूर नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले में SIT जांच के निर्देश दिए गए थे.
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Hathras Stampede : हाथरस सत्संग में हुई भगदड़ मामले की जांच अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. जांच के लिए गठित एसआईटी (SIT) आज शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप सकती है. गुरुवार देर रात तक टीम अफसरों के बयान दर्ज करती रही. एसआईटी के जांच घेरे में कई अफसरों का नाम आ रहा है. शासन को रिपोर्ट सौंपने के बाद माना जा रहा है कि कई अफसरों पर गाज गिर सकती है.
यह है पूरा घटनाक्रम
बता दें कि 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के नाम से मशहूर नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले की जांच के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी का जिम्मा देते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे. इसके बाद से एसआईटी की अलीगढ़ में डेरा डाले हुए हैं.
250 पन्नों की रिपोर्ट में लापरवाही की दास्तां बयां
बताया जा रहा है कि हाथरस हादसे की एसआईटी जांच रिपोर्ट तैयार हो गई है. रिपोर्ट आज देर रात तक मुख्यमंत्री को सौंपी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक, करीब 250 पन्नों से अधिक की रिपोर्ट बनाई गई है. एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर के नेतृत्व में चल रही जांच में डीएम-एसएसपी सहित 130 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. इसमें घटनास्थल पर तैनात एक-एक पुलिस और अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, डॉक्टर, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील और जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसपी आदि तमाम लोग शामिल हैं.
...तो इसलिए सत्संग में मची भगदड़
जांच रिपोर्ट में हादसे के मूल कारण, लापरवाही और अनदेखियों का भी जिक्र है. कार्यक्रम स्थल पर जमीन के दलदली होने का जिक्र किया गया है. सेवादारों की भूमिका को लेकर जिक्र किया गया है. कार्यक्रम स्थल पर कोई एग्जिट गेट नहीं बनाया गया था. बाबा के करीब जाने के लिए लोग धक्का मुक्की करने लगे थे. इन लोगों को सेवादारों ने डंडा दिखाकर रोकना चाहा. इस वजह से भगदड़ होने की बात कही जा रही है.
ऐसे गड्ढे में गिरते चले गए एक के बाद एक भक्त
सत्संग में भगदड़ के बाद हाईवे किनारे बने गड्ढे में लोग गिरते चले गए. बताया गया कि बारिश के चलते फिसलन हो रही थी लिहाजा एक के बाद एक लोग गड्ढे में गिरते चले गए. घायलों को कितनी देर बाद उपचार मिल सका, जांच रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया गया है. जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं. रिपोर्ट में कार्यक्रम की अनुमति का जिक्र किया गया है.
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