अदालत ने आजम खान को दी राहत, शस्त्र लाइसेंस के निलंबन वाले आदेश का एक हिस्सा किया रद्द
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अदालत ने आजम खान को दी राहत, शस्त्र लाइसेंस के निलंबन वाले आदेश का एक हिस्सा किया रद्द

चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में तजीन फातिमा ने आरोप लगाया था कि रामपुर के जिलाधिकारी अंजनी कुमार दुर्भावना के साथ काम कर रहे हैं.

.(फाइल फोटो)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के जिलाधिकारी द्वारा 23 मार्च, 2019 को पारित उस आदेश का एक हिस्सा सोमवार को अमान्य कर दिया जिसके जरिए उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए थे. हालांकि, 23 मार्च के उस आदेश के दूसरे हिस्से के संबंध में जिसके जरिए खान को कारण बताने का निर्देश दिया गया था, अदालत ने रामपुर के जिलाधिकारी को लोकसभा चुनाव के बाद इस संबंध में एक तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया. आजम खान द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने उक्त निर्देश पारित किया.

आजम खान रामपुर संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं. याचिकाकर्ता की ओर से उनके वकील ने दलील दी कि रामपुर के जिलाधिकारी द्वारा दुर्भावना से ग्रसित होकर यह आदेश पारित किया गया क्योंकि आजम खान की पत्नी और राज्यसभा सदस्य तजीन फातिमा ने रामपुर के जिलाधिकारी के खिलाफ 14 मार्च, 2019 को निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी.

चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में तजीन फातिमा ने आरोप लगाया था कि रामपुर के जिलाधिकारी अंजनी कुमार दुर्भावना के साथ काम कर रहे हैं और राजनीतिक कारणों से याचिकाकर्ता को परेशान कर रहे हैं . इसलिए आयोग से अनुरोध किया जाता है कि रामपुर में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए रामपुर के जिलाधिकारी का किसी अन्य जिले में तबादला किया जाए.

हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए अपर महाधिवक्ता ने इस याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि 23 मार्च का जिलाधिकारी का आदेश महज एक कारण बताओ नोटिस है और इसके खिलाफ वैकल्पिक उपचार उपलब्ध है क्योंकि याचिकाकर्ता जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ मंडलायुक्त के समक्ष अपील कर सकते है.

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