जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा कि कोई भी नागरिक घर के बाहर बिना मास्क का नहीं दिखाई देना चाहिए. यदि कोई मास्क नहीं पहनता है तो यह पूरे समाज के प्रति अपराध करेगा.
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मो. गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने जनता से अपील की है कि कोइ्र भी घर से बाहर बिना मास्क लगाए न निकले. साथ ही अदालत ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति बिना मास्क लगाए दिखता है तो पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करे. उत्तर प्रदेश में क्वॉरंटीन सेंटर्स की बदहाली और कोविड अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधा को लेकर दाखिल जनहित याचिका (Public Interest Litigation) पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया.
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जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा कि कोई भी नागरिक घर के बाहर बिना मास्क का नहीं दिखाई देना चाहिए. यदि कोई मास्क नहीं पहनता है तो यह पूरे समाज के प्रति अपराध करेगा. साथ ही हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि राज्य के हर थाने में पुलिस टास्क फोर्स गठित कर बिना मास्क लगाए घूमने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. अदालत ने राज्य सरकार को होम आइसोलेशन में रह रहे कारोना मरीजों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
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हाईकोर्ट ने कहा कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों के एक्स-रे और सीटी स्कैन के लिए हर जिले में एक अलग अस्पताल की व्यवस्था हो. इसके अलावा न्यायालय ने निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश में ठेले-खोमचे वालों को वेन्डिंग जोन आवंटन करें. अगर फिर से अतिक्रमण हुआ तो इसके लिए पुलिस जिम्मेदार होगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि डॉक्टर कोविड मरीजों का सहानुभूति के साथ इलाज करें. अपने निर्देशों के संबंध में हाईकोर्ट ने कार्रवाई की रिपोर्ट भी सरकार से तलब की है और इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 28 सितंबर तय की है.
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