अलकमा-सुरजीत हत्याकांड: माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ की जमानत याचिका खारिज
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अलकमा-सुरजीत हत्याकांड: माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ की जमानत याचिका खारिज

कोर्ट ने कहा की अशरफ का लंबा आपराधिक इतिहास है, ऐसे में जमानत देने पर आरोपी साक्ष्यों और गवाहो को प्रभावित कर सकता है.

अशरफ  (L) अपने भाई अतीक अहमद के साथ.(file photo)

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.  एक तरफ उसके अवैध साम्राज्य पर योगी सरकार का बुलडोजर चल रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ अतीक और उसके गिरोह पर कानूनी शिकंजा भी लगातार कसता जा रहा है. ताजा मामला प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट से जुड़ा है. जहां अतीक अहमद के भाई पूर्व विधायक अशरफ की जमानत अर्जी कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है.

कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
मामला 2015 में धूमनगंज में हुए अलकमा-सुरजीत हत्याकांड से जुड़ा है. जिसमे अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ पर दोहरे हत्या की साजिश रचने का आरोप है. कोर्ट ने अशरफ की बेगुनाही की अर्जी ख़ारिज करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा की अशरफ का लंबा आपराधिक इतिहास है, ऐसे में जमानत देने पर आरोपी साक्ष्यों और गवाहो को प्रभावित कर सकता है. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष और अशरफ के अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद जमानत ख़ारिज कर दी.

2015 में हुआ था अलक़मा सुरजीत दोहरा हत्याकांड
गौरतलब है की सितंबर 2015 में धूमनगंज थाना क्षेत्र के मरियाडीह गांव में अलक़मा और सुरजीत की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सनसनीखेज हत्या का आरोप अतीक अहमद के शूटर आबिद प्रधान ने अपने विरोधी कम्मू जाबिर पर लगाया था. जिसमें दोनों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था. लेकिन जब मामलें की जांच बढ़ी तो हत्याकांड में नया मोड़ आया.

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ की अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ के इशारे पर उसके गुर्गों ने विरोधी कम्मू जाबिर को फंसाने के लिए हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. जिसमे पुलिस ने जांच के दौरान अतीक और अशरफ के साथ आबिद प्रधान सहित अन्य को आरोपी बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. 

अशरफ सपा के टिकट पर 2005 में बना था विधायक, दर्ज हैं तीन दर्जन से ज्यादा मुकदमें
बता दें, अशरफ समाजवादी पार्टी के टिकट पर वर्ष 2005 में विधायक बना था. सूबे में योगी सरकार बनने के बाद अशरफ फरार हो गया. पुलिस ने अशरफ की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. करीब सालभर पहले नाटकीय तरीके से धूमनगंज से क्राइम ब्रांच ने अशरफ को गिरफ्तार कर लिया. अशरफ के खिलाफ प्रयागराज के अलग अलग थानों में तीन दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं. मौजूदा समय में अशरफ बरेली कारागार में बंद है. 

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