कोई अगर सड़क किनारे खुले में पेशाब करते दिखेगा उसकी फोटो खींच ली जाएगी और फिर इन तस्वीरों को सोशल मीडिया के साथ शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाईं जायेंगी ताकि खुले में सू-सू करने वालों को शर्म का अहसास कराया जा सके.
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इलाहाबाद: क्या आप इलाहाबाद में रहते हैं? अगर हां, तो खबर आपके लिए है. अब संगम नगरी में खुले में पेशाब करने वालों के खैर नहीं है. दरअसल, शहर को सुंदर और साफ बनाने के लिए इलाहाबाद नगर निगम एक नई तरकीब निकाली है. निगम ने खुले में पेशाब करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए 'एंटी सू-सू' दस्ते बनाए गए हैं, जो शहर में जगह-जगह सादी वर्दी में घुमते रहेंगे और जैसे ही कोई सड़क किनारे खुले में पेशाब करते दिखेगा उसकी फोटो खींच लेंगे. फिर इन तस्वीरों को सोशल मीडिया के साथ शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाईं जाएंगी ताकि खुले में सू-सू करने वालों को शर्म का अहसास कराया जा सके. इसी तरह उन लोगों पर भी कार्रवाई होगी जो शहर की सड़कों में कूड़ा डालकर गन्दगी फैला रहे हैं.
अधिकारियों को सौंपा जिम्मा
इलाहाबाद नगर निगम ने शहर को साफ बनाने के इस मुहिम के लिए नगर निगम क्षेत्र को पांच जोन में पांच जोनल अधिकारी और 15 इंस्पेक्टर्स को काम में लगाया गया है.
पकड़े जाने पर देना होगा जुर्माना
खुले में जो भी यूरीन डिस्चार्ज करता पाया गया, उसे इसके लिए जुर्माना देना पड़ेगा. इलाहाबाद नगर निगम ने पकड़े गए आरोपियों के लिए 20 रुपए का जुर्माना तय किया है. इसके साथ गंदगी फैलाने वाले बारात घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ भी कार्रवाई की शुरुआत हो गयी है
जो पकड़ा गया वो होगा मिस्टर सू-सू कुमार
इलाहाबाद नगर निगम ने पकड़े जाने वाले व्यक्ति को शर्म का अहसास कराने के लिए अच्छे खासे इंतजाम किए हैं. अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास के मुताबिक, ऐसे महानुभावों को नगर निगम की तरफ से मिस्टर सू-सू कुमार का सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
एक महीने में वसूला 2.5 लाख का जुर्माना
नगर निगम ने पिछले एक महीने में गंदगी फैलाने वालों से 2.5 लाख का जुर्माना वसूल किया है. वहीं खुले में यूरीन करने वालों से नगर निगम अब तक 10 हजार रुपए वसूल चुकी है.
जुर्माने के पैसों से शहर का होगा विकास
नगर निगम ने सू-सू मुक्त कोष बनाया गया है. जिसमें खुले में सू-सू करने वाले लोगों से जुर्माना वसूल कर जमा किया जाएगा और उस पैसे का इस्तेमाल शहर में और अधिक यूरीनल बनाने में किया जाएगा.