Ayodhya Ram Mandir Model: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जश्न का माहौल है. क्या आप जानते हैं कि राम मंदिर बनने से दशकों पहले उसका मॉडल तैयार हो गया था. 1989 के प्रयागराज कुंभ में संतों ने राम मंदिर का मॉडल पारित किया.
Trending Photos
Ayodhya Ram Mandir Model: अयोध्या में भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब कुछ ही समय बाकी रह गया है, इसको लेकर तैयारियां जोरों शोरों पर चल रही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनने से दशकों पहले उसका मॉडल तैयार हो गया था. 34 साल पहले 1989 के प्रयागराज कुंभ में संतों द्वारा राम मंदिर का यह मॉडल पारित किया गया. घर-घर में इस मॉडल की पूजा हुई. इसी मॉडल के अनुरुप राम मंदिर का शिलान्यास हुआ. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मॉडल कारसेवकपुरम में स्थापित राम मंदिर का मॉडल उम्मीद को दिखाता है.
मॉडल में परिवर्तन कर तीन मंजिला किया गया
हालांकि, 2020 में शिलान्यास के बाद मंदिर के मॉडल में परिवर्तन करते हुए इसे इसे तीन मंजिला कर दिया गया. पहले यह दो मंजिला था. अब भूतल के अलावा प्रथम तल और द्वितीय तल है। इसकी लंबाई और चौड़ाई भी बढ़ गई है. पहले 128 फीट लंबाई और 155 फीट चौड़ाई थी. अब लंबाई 350 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट हो गई है लेकिन मॉडल के भाग उसी प्रकार हैं. जैसे- सिंह द्वारा, नृत्य मंडप, पवित्र गर्भ गृह. उसमें कीर्तन मंडप और सत्संग मंडप भी बनाया गया है. अब यह मॉडल व्यापक रूप ले चुका है.
Ramayan Path Benefits: रोज पढ़ें यह एक श्लोक, इस मंत्र में समाया है पूरी रामायण का निचोड़
2002 से कारसेवकपुरम में रखा है मॉडल
मंदिर के इस मॉडल को 2001 के प्रयागराज के कुंभ में रखा गया. दर्शनार्थी राम मंदिर के मॉडल का दर्शन करने आने लगे. कुंभ समाप्त होने के बाद 2002 में कारसेवकपुरम में इसे एक भवन में लाकर रखा गया. तभी से मंदिर का यह मॉडल यहां स्थापित है. जिस मॉडल पर मंदिर का निर्माण हो रहा है, उसी तरह के मॉडर पर बेस्ड भगवान श्रीराम का मंदिर मार्केट में बिक रहा है. यह मॉडर हमारे तीर्थक्षेत्र में लोगों को दिया जा रहा है.
Ram Mandir: सज गई अयोध्या...आ गए श्री राम, देखिए राम मंदिर निर्माण से जुड़ी EXCLUSIVE तस्वीरें
बाबा हजारी दास कर रहे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मॉडल की देखरेख
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मॉडल की देखरेख बाबा हजारी दास करते हैं. ये 1990 में अयोध्या आए थे. फिर यहीं के होकर रह गए. शाहजहांपुर के रहने वाले बाबा हजारी दास ने बाबरी विध्वंस से लेकर मंदिर निर्माण तक देखा है. 1992 में बाबरी विध्वंस के समय उन्हें चोटें आई थीं। कुछ दिन तक अस्पताल में एडमिट रहे. वर्षों से श्रद्धालुओं को श्रीराम मंदिर मॉडल के दर्शन करा रहे हैं.