यूपी पुलिस के भी कारनामे एक से बढ़कर एक होते हैं. किसी की बंदूक से फायर ही नहीं होता, तो कोई बुलेट पर टशन दिखाता फिरता है. अब अमरोहा के गजरौला थाने की पुलिस की करतूत सुनकर आपको भी हैरानी होगी. साल 2015 में थाने में एक फर्जी मुकदमा लिखा गया और 13 लोगों को जेल भेज दिया गया.
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अमरोहा: यूपी पुलिस के भी कारनामे एक से बढ़कर एक होते हैं. किसी की बंदूक से फायर ही नहीं होता, तो कोई बुलेट पर टशन दिखाता फिरता है. अब अमरोहा के गजरौला थाने की पुलिस की करतूत सुनकर आपको भी हैरानी होगी. साल 2015 में थाने में एक फर्जी मुकदमा लिखा गया और 13 लोगों को जेल भेज दिया गया. जब मामले में पीड़ितों की शिकायत पर जांच हुई तो पता चला मुकदमा फर्जी था. ऐसे में थाने के सीओ समेत उनकी पूरी टीम पर केस दर्ज हो गया है.
साल 2015 का है मामला
ये पूरी घटना साल 2015 की है. तब गजरौला थाने की पुलिस ने हाईवे पर एक रिसॉर्ट पर छापा मारा था. पुलिस के मुताबिक उन्होंने यहां एक सेक्स रैकेट का खुलासा किया था. हाईवे रिसोर्ट में छापेमारी के दौरान मिले कपल्स समेत होटेल मालिक पर भी तत्कालीन सीओ और और उनकी टीम ने देह व्यापार का मामला दर्ज करके कुल 13 लोगों को सलाखों के पीछे भेज दिया था.
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होटेल मालिक ने हाईकोर्ट में की थी अपील
होटल प्रबंधन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका डालकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई. हाईकोर्ट के आदेश पर दिसंबर 2015 में मामले की जांच सीबीसीआइडी को सौंप दी गई. 5 साल चली जांच के बाद देह व्यापार के आरोप में कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मियों को प्रथम दृष्टया दोषी माना गया और सेक्स रैकेट के खुलासे का मामला फर्जी पाया गया.
अब तत्कालीन CO समेत 10 पर मुकदमा दर्ज
बरेली स्थित क्राइम ब्रांच शाखा के इंस्पेक्टर होशियार सिंह की तहरीर पर गजरौला थाने में CO समेत 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ बिना साक्ष्य होटल प्रबंधन और ग्राहकों को गिरफ्तार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इन पर गलत तरीके से जेल भेजना और पुलिस की छवि को धूमिल करने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.
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