काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर में घुसते ही पता चलेगा इतिहास, बनाया जा रहा खास एप
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काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर में घुसते ही पता चलेगा इतिहास, बनाया जा रहा खास एप

वाराणसी में बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के 63 मंदिरों का इतिहास अब एप के जरिए पता चलेगा. विश्वनाथ धाम के कॉरिडोर के भीतर आने वाले भक्तों और पर्यटकों को लेकर विशेष व्यवस्था की जा रही है. इससे आने वाले दिनों में वाराणसी में पर्यटन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है.

काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी.

वाराणसी: वाराणसी में 50 हजार वर्ग मीटर में तैयार हो रहे श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में 63 ऐसे ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे. इन मंदिरों के इतिहास और महत्व को भक्तों तक पहुंचाने के लिए मंदिर प्रशासन एक खास तरह का एप्लीकेशन तैयार करा रहा है. जिसके जरिए कॉरिडोर में प्रवेश करते ही भक्त इन मंदिरों का इतिहास जान सकेंगे.

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प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट 'काशी विश्वनाथ कॉरिडोर' 
आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कॉरिडोर के मंदिरों के इतिहास को लोगों तक पहुंचाने का सपना देखा था. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण के दौरान ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में 63 ऐसे पुरातन मंदिर निकले हैं, जिनका अपना एक अलग इतिहास है. इन्हीं मंदिरों के इतिहास को बताने के लिए एक एप्लीकेशन बनाया जा रहा है. जिसके माध्यम से कॉरिडोर में बने मंदिरों के नजदीक आते ही उस मंदिर का इतिहास ऑडियो-वॉइस के जरिए लोगों को सुनाई देगी. जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा. इन ऐतिहासिक मंदिरों को एक्सपर्ट टीम की मदद से कार्बन डेटिंग के जरिये संजोया जा रहा है.

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कंटेट पर चल रहा है काम
वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के अंतर्गत 63 मंदिर मिले थे. इन मंदिरों का संरक्षण किया जा रहा है. साथ ही मंदिरों के बारे में इंफोर्मेशन कलेक्ट की जा रही है. इसके लिए बीएचयू के डिपार्टमेंट ऑफ हिस्ट्री की मदद ली जा रही है. इसके अलावा इसमें आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का भी सहयोग लिया गया.

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उन्होंने बताया कि इस एप के माध्यम से सभी 63 मंदिरों के बारे में श्रद्धालुओं को जानकारी देने का काम किया जाएगा. इनसे जुड़ा इतिहास और महत्व बताया जाएगा. कमिश्नर ने बताया कि जो लो डिजिटली जागरूक नहीं हैं उनके लिए मैनुअल सिस्टम भी रखा जाएगा. फिलहाल एप्लीकेशन के लिए कंटेट और टेक्निकल दोनों पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि जिस दिन काशी विश्वनाथ धाम परियोजना जनता को समर्पित होगी, उसी दिन यह एप भी लॉन्च किया जाएगा.

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