Tin City Ayodhya: अयोध्या आगमन पर संतों और भक्तों के लिए तैयार किया यह परिसर लगभग तैयार है. 45 एकड़ के परिसर में 1100 कमरे हैं. 318 हॉल बनाये गए हैं.
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Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसके लिए जोरों-शोरों से तैयारियां जारी है. प्राण प्रतिष्ठा से पहले लाखों भक्त अयोध्या आने वाले हैं. ऐसे में राम मंदिर के साथ पूरे अयोध्या को सजाया जा रहा है. 2024 में अयोध्या का नया रूप नजर आएगा, जिसमें अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा. इसके साथ ही मणि पर्वत के पास तीर्थक्षेत्र पुरम बसाया जा रहा है. जिस तरह प्रयागराज में माघ मेला में टेंट सिटी बसाई जाती है वैसे ही यह शहर बसाया जा रहा है. यहां कपड़े के टेंट की जगह टिन का इस्तेमाल किया गया है.
अयोध्या आगमन पर संतों और भक्तों के लिए तैयार किया यह परिसर लगभग तैयार है. 45 एकड़ के परिसर में 1100 कमरे हैं. 318 हॉल बनाये गए हैं. एक कमरे में तीन संतजनों के ठहरने की व्यवस्था हैं. पूरे परिसर में चार हजार संतों के साथ 15 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. पूरे क्षेत्र में 6 नगर बनाये गए हैं. कुल 6 नगरों में 47 गलियां है, जिनका रूप भव्य है. यह नगर अयोध्या आंदोलन में योगदान करने वाले संतों और योजना बनाने वालों के नाम पर हैं. चार संतों जिनके नाम पर नगर बने हैं, उनमें महंत अभिराम दास महाराज, महंत अवैध नाथ, महंत वामदेव, महंत रामचंद्र परमहंस दास का नाम शामिल है. इसके अलावा रामजन्मभूमि आंदोलन की योजना बनाने वाले ओंकार भावे जी, मोरोपंत पिंगले जी के नाम पर भी नगर बना है. यहां 6 भोजनशाला भी बनी है. पूरे परिसर में 18000 लीटर पानी प्रतिदिन व्यवस्थित होगा. यहां मोबाइल टावर भी लगे हैं. इसके साथ ही 20 बेड का हॉस्पिटल भी बनाया जा रहा है.
दुकानों के शटर को हिंदू प्रतीकों की कलाकृतियों से सजाया गया
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या में राम पथ और अन्य प्रमुख सड़कों पर स्थित दुकानों के शटरों को हिंदू प्रतीकों की कलाकृतियों से सजाया गया है. इन कलाकृतियों में मंदिर की आकृति के साथ जय श्री राम के नारे और स्वास्तिक चिन्ह शामिल हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 22 जनवरी को होने वाले 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए शहर को सजाने के प्रयासों के तहत स्थानीय अधिकारियों ने इस कार्य को अंजाम दिया है. सहादतगंज और नया घाट को जोड़ने वाली 13 किलोमीटर लंबी सड़क को पुनर्विकास के बाद नया नाम रामपथ दिया गया है. इसके दोनों ओर बड़ी संख्या में स्थित दुकानों को संवारा गया है.
बिड़ला धर्मशाला से नया घाट तक का क्षेत्र फिलहाल 'जय श्री राम', भगवान राम, राम दरबार की तस्वीरों और आगामी राम मंदिर की कलात्मक प्रस्तुति वाले भगवा झंडे बेचने वाले विक्रेताओं से भरा हुआ है. इस मार्ग पर कई विक्रेता भगवान राम की फ़्रेमयुक्त तस्वीरें और राम मंदिर की प्रतिकृतियां भी बेच रहे हैं. पिछले दो वर्षों में अयोध्या में किए गए पुनर्विकास के तहत इस सड़क को दोनों तरफ से चौड़ा किया गया है और इसके लिए सामने की ओर से कई संरचनाओं को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया. इस खंड पर कई पुरानी इमारतें भी स्थित हैं, जिन्हें बाहर से मरम्मत कर सजाया गया है.
‘पीटीआई-भाषा’ के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ये विषयगत कलाकृतियां "22 जनवरी के बड़े दिन" के लिए शहर को सजाने के प्रयासों के तहत बनाई गई हैं. उन्होंने बताया, "सौंदर्यीकरण अभियान के तहत, अयोध्या विकास प्राधिकरण, डीएम कार्यालय और अयोध्या आयुक्त कार्यालय सभी ने मिलकर काम किया है." राम पथ और मंदिर स्थल की ओर जाने वाली सड़कों पर स्थित दुकानों पर उनके नाम और अयोध्या विकास प्राधिकरण के लोगो को प्रदर्शित करने वाले एक समान बोर्ड लगाए गए हैं. प्रत्येक शटर पर एक कलाकृति है और रात में बाजार बंद होने के बाद, क्षेत्र का दृश्य बेहद अलग नजर आता है. राम पथ के किनारे स्थित दुकानों के शटर पर बनीं कलाकृतियों में मंदिर की आकृति के साथ जय श्रीराम का नारा लिखा हुआ है। इसके अलावा इनपर स्वस्तिक चिह्न, शंख, एक गदा, लहराता हुआ भगवा झंडा, सूर्य, धनुष और बाण आदि शामिल हैं. कई राहगीर और श्रद्धालु रुककर इन कलाकृतियों की तस्वीरें ले रहे हैं.
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