तो क्या बंद हो जाएंगी कानपुर से कोटा तक कोचिंग की मंडियां, जानिए गाइडलाइन का 1-1 प्वाइंट
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तो क्या बंद हो जाएंगी कानपुर से कोटा तक कोचिंग की मंडियां, जानिए गाइडलाइन का 1-1 प्वाइंट

कोचिंग में मेधावी छात्रों के बीच आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा, नामचीन संस्थानों द्वारा ज्यादा फीस की वसूली, तनाव-अवसाद के कारण आत्महत्या के बढ़ते मामलों और संकरे स्थानों पर खुलते कोचिंग संस्थानों पर कठोर कदम सरकार ने उठाया है. 

Private Coaching Centers Guideline

देश के स्कूलों में पढ़ाई की गिरती साख और कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच कोचिंग-ट्यूशन की बढ़ती प्रवृत्ति के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उसने प्राइवेट कोचिंग केंद्रों को लेकर गाइडलाइन तैयार की है. इसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग देने पर पाबंदी जैसा बड़ा और कड़ा कदम भी शामिल है. सरकार के इस कड़े कदम से दिल्ली, नोएडा से लेकर कानपुर से कोटा तक कोचिंग मंडियों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है.

  1.  स्कूल से इतर 50 से अधिक छात्रों वाली संस्था जहां ट्यूशन, या ट्रेनिंग दी जाती है तो उसे कोचिंग संस्थान माना जाएगा. खेल, नृत्य, थिएटर और अन्य रचनात्मक कार्यक्रम शामिल नहीं हैं. 
  2. कोचिंग देने वाले शख्स की ओर से स्थापित और संचालित सेंटर को कोचिंग केंद्र माना जाएगा. स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी की पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को पढ़ाने वाले केंद्रों को कोचिंग सेंटर माना जाएगा. इसमें 50 से अधिक की संख्या जरूरी है.
  3. 50 से अधिक छात्रों वाले किसी कोचिंग केंद्र में छात्रों को पढ़ाने या गाइड करने वाले को ट्यूटर माना जाएगा. इसमें ट्यूशन देने वाला एक्सपर्ट ट्यूटर शामिल है. 
  4. कोचिंग सेंटर का पंजीकरण कराके ही कोई व्यक्ति या संस्था कोचिंग का संचालन करेगी और उसका रखरखाव कर पाएगी.गाइडलाइन लागू होने के 3 महीने के भीतर पंजीकरण आवेदन देना होगा. हर साल रजिस्ट्रेशन खत्म होने के पहले रिन्यूअल कराना होगा.सरकार कोचिंग केंद्र पंजीकरण के लिए वेब पोर्टल बनाएगी.
  5. कोचिंग सेंटर में ग्रेजुएट से कम पढ़ा लिखा ट्यूटर्स नियुक्त नहीं होगा. कोचिंग केंद्र नामांकन के लिए भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे नंबर दिलाने की गारंटी नहीं देगा.16 साल से कम उम्र के छात्र का नामांकन नहीं होगा, यानी सेकेंडरी स्कूल परीक्षा के बाद ही वो कोचिंग कर पाएगा.
  6. कोचिंग सेंटर ऐसे किसी शख्स को ट्यूटर या प्रशासक नहीं बनाएगा, जो किसी अपराध के लिए दोषी साबित हो गया हो.कोचिंग सेंटर्स को ट्यूटर्स की योग्यता, कोर्स की अवधि, हॉस्टल और फीस, कोचिंग के छात्रों की संख्या और आईआईटी-जेईई, नीट जैसी परीक्षाओं में प्रवेश में सफल छात्रों की संख्या का रिकॉर्ड वेबसाइट पर देना होगा.
  7. कोर्स की ट्यूशन फीस उचित और तर्कसंगत होगी और इसकी रसीदें पैरेंट्स को उपलब्ध कराई जाएंगी.कोचिंग सेंटर छात्रों को नोट्स और अन्य पाठ्यसामग्री बिना किसी शुल्क के देंगे.
  8. छात्र के पूरा भुगतान करने के बावजूद अगर वो बीच में पाठ्यक्रम छोड़ता है, तो छात्र को बाकी अवधि की जमा फीस आनुपातिक आधार पर 10 दिनों में वापस की जाएगी. छात्र कोचिंग केंद्र के हॉस्टल में रह रहा है, तो उसकी फीस और मेस फीस भी वापस की जाए.
  9. किसी भी सूरत में कोर्स के दौरान फीस नहीं बढ़ाई जाएगी. किसी विशेष पाठ्यक्रम और उसकी अवधि के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क किसी चीज के नाम पर नहीं लिया जा सकेगा.
  10. कोचिंग केंद्र कोर्स निर्धारित अवधि में कक्षाएं पूरी करने की कोशिश करें.स्कूली छात्रों की क्लास उनके पढ़ाई के घंटों के समय आयोजित नहीं की जाएंगी.
  11. कोर्स या टाइमटेबल को ऐसे तैयार किया जाए कि छात्रों को आराम और पढ़ाई के लिए बिना दबाव के दोबार मौका मिल सके. छात्रों और शिक्षकों को साप्ताहिक अवकाश मिले. अवकाश के अगले दिन कोई एसेसमेंट या परीक्षा नहीं होगी
  12. कोचिंग क्लासेस एक दिन में 5 घंटे से अधिक नहीं चल सकतीं. कोचिंग का समय न तो बहुत सुबह और न ही बहुत रात तक होगा.
  13. हर क्लास या बैच में कुल छात्रों की संख्या कोचिंग सेंटर्स के रिकॉर्ड और वेबसाइट पर हो.कोर्स के दौरान बैच में छात्रों की संख्या बढ़ाई नहीं जा सकेगी.
  14. आईआईटी-जेईई जैसी इंजीनियरिंग और नीट जैसी मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को अन्य करियर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा.
  15. छात्रों और पैरेंट्स को काउंसिलिंग करके बताया जाए कि कोचिंग सेंटर में जाने से ही मेडिकल-इंजीनियरिंग या  अन्य प्रतियोगी परीक्षा में कामयाबी की गारंटी नहीं है
  16. कोचिंग केंद्र मनोवैज्ञानिक सलाहकारों की भी मदद लें. समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित कर छात्रों के भीतर दबाव, तनाव संबंधी जिज्ञासाओं को शांत करें. कोचिंग केंद्र मूल्यांकन परीक्षा के परिणाम को जारी नहीं करेगा, इससे छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बनता है.

16 साल से कम उम्र के बच्चों की कोचिंग बंद, बिना मंजूरी नहीं खुलेंगे कोचिंग सेंटर, केंद्र की नई गाइडलाइन

आईआईटी जेईई और नीट, सीडीएस-एनडीए जैसी परीक्षाओं के टॉपर्स की फोटो देकर उन्हें संस्थान से पढ़े होने का दावा करना. कोचिंग की इमारतों और रास्तों पर मेधावी छात्रों के बैनर पोस्टर आपने खूब देखे होंगे, लेकिन इनमें अक्सर ज्यादातर दावे भ्रामक और झूठे पाए जाते हैं. एक-एक छात्रों पर कई-कई संस्थानों के दावे शामिल हैं. नई गाइडलाइन में निर्देश है कि संस्थान ऐसे भ्रामक वादे नहीं करेंगे. रैंक या टॉपर में पोजिशन दिलाने जैसी गारंटी नहीं देंगे. 'कोचिंग केंद्र के पंजीकरण एवं विनियमन हेतु दिशानिर्देश 2024' नाम की यह गाइडलाइन नई शिक्षा नीति के तहत टर्निंग प्वाइंट हो सकती है.

प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स के लिए लागू नई गाइडलाइन की अहम बातें....

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