अब सपा के सहयोगी नेता ने राम को कोसा, श्रीराम के उपासक रामभद्राचार्य पर की ओछी टिप्पणी
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अब सपा के सहयोगी नेता ने राम को कोसा, श्रीराम के उपासक रामभद्राचार्य पर की ओछी टिप्पणी

 Keshav Dev Maurya: केशव देव मौर्या ने राम मंदिर और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रामभद्राचार्य आंख के नहीं अक्ल के अंधे हैं. 

Keshav Dev Maurya on Ram temple and Rambhadracharya

Keshav Dev Maurya: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को कुछ दिन ही बचे रह गए हैं. डबल इंजन की भाजपा सरकार इस कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटी है. इसी बीच राम मंदिर को लेकर कई विपक्षी दलों के नेताओं के एक के बाद एक बयान सामने आ रहे हैं. इस लिस्ट में सपा गठबंधन का हिस्सा रहे महानदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्या का भी नाम जुड़ गया है. उन्होंने भी भगवान राम और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर विवादित बयान दे डाला है. 

"मेरी राम में कोई आस्था नहीं": केशव देव मौर्या
केशव देव मौर्या ने कहा कि उनकी भगवान राम में कोई आस्था नहीं है. भगवान राम अगर हैं, तो जो लोग पूजते हैं वो पूजें. हमारी कोई आपत्ति नहीं है. मैं भगवान राम का बेहद सम्मान करता हूं. भगवान राम से न मैं डरता हूं. ना उनमें कोई आस्था रखता हूं. इसलिए मुझे प्राण प्रतिष्ठा से कोई विशेष मतलब नहीं है. प्राण प्रतिष्ठा कुछ है नहीं. यह केवल भारतीय जनता पार्टी का वोट लेने का राजनीतिक स्टंट है. क्या भगवान राम में पहले से प्राण नहीं है, जो नया प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है. 

"राम मंदिर कांग्रेस की देन"
वहीं प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विपक्षी दलों के शामिल होने के सावल पर कहा, "अखिलेश यादव जाएं या न जाएं लेकिन कांग्रेस को जरूर जाना चाहिए. अगर आज राम मंदिर बन रहा है तो यह कांग्रेस की देन है. बाबरी मस्जिद विध्वंस भी कांग्रेस की देन है. राजीव गांधी ने ही अयोध्या मंदिर का ताला खुलवाया था. मूर्तियां रखवाई थीं. विवाद पैदा किया था."    

"रामभद्राचार्य आंख के नहीं अक्ल के अंधे" 
वहीं हाल ही में दिए रामभद्राचार्य के विवादित बयान पर भी मौर्या ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "भारतीय जनता पार्टी संविधान को कुचल रही है. यही बात कोई दलित पिछड़ा किसी हिंदू देवी-देवता के खिलाफ बोल देता, तो आस्था पर चोट के लिए मुकदमा दर्ज हो जाता. रामभद्राचार्य कह रहे हैं कि जो राम को नहीं भजेगा वह *** है. यह जितना निंदनीय है उतना ही दंडनीय है. रामभद्राचार्य को तत्काल दंडित किया जाना चाहिए. उनके ऊपर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. लेकिन ऐसा होगा नहीं. वह भाजपा के कार्यकर्ता हैं. भाजपा के लिए वोट मांगते हैं." केशव देव ने आगे कहा कि रामभद्राचार्य आंख के नहीं अक्ल के अंधे हैं. 

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