Korean Princess Kim Chil Su: दक्षिण कोरिया की राजकुमारी का है अयोध्या से खास सम्बन्ध, भेजा गया है 22 जनवरी का निमंत्रण
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Korean Princess Kim Chil Su: दक्षिण कोरिया की राजकुमारी का है अयोध्या से खास सम्बन्ध, भेजा गया है 22 जनवरी का निमंत्रण

Shriram Korea Connections: दक्षिण कोरिया की राजकुमारी किम चिल-सु का अयोध्या से बहुत ही खास और पुराना सम्बन्ध है. 2000 साल पुरानी है यह कहानी.आगे जानें साउथ कोरिया और रामलला का संबंध....

 

Shriram Korea Connections

Ayodhya Dham: प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पूरी तैयारियां हो चुकी है. इस भव्य समारोह के लिए के लिए मंदिर ट्रस्ट ने 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा है. अनेक देश भारत को शुभकामनाएं भेज रहे हैं और कार्यक्रम में सम्मिलित होने आ रहे हैं. उनमें से एक हैं दक्षिण कोरिया की किम चिल-सु. वह रानी हू के राजवंश से हैं. रानी हू को सुरीरत्ना के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि सुरीरत्ना अयोध्या की राजकुमारी थीं. ऐसा कहा जाता है राजकुमारी सुरीरत्ना ने 2000 साल पहले कोरिया के राजकुमार से विवाह किया था और वहां कि क्वीन और कोरिया की बहू बन गयी थी, अब उन्ही कि वंशज किम चिल-सु को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है.

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एक किवदंती के अनुसार, 48 ईस्वी में अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना ने राजा सुरो से शादी करने के लिए तीन महीने की यात्रा की थी. दक्षिण कोरिया में और पिछले कुछ दशकों से भारत में भी यह व्यापक मान्यता है.  कहते हैं एक बार रघुकुल के वंशजों और राजकुमारी सुरीरत्ना के माता-पिता को  सपना आया था जिसमें एक दिव्य आवाज ने उन्हें अपनी बेटी को ग्यूमगवान भेजने का निर्देश दिया था. उस दिव्य आवाज ने कहा कि वहां के राजकुमार सुरो को उपयुक्त रानी नहीं मिली थी. इस दिव्य आवाज को भगवान का निर्देश मानकर सुरीरत्ना के माता पिता ने उन्हें   शाही जोड़े के साथ कई उपहारों और सैनिकों के साथ एक नाव पर बिठाया. तीन महीने की लम्बी यात्रा के बाद आखिरकार राजकुमारी की मुलाकात राजा से हुई और दोनों ने शादी कर ली. कोरिया के लोग अयोध्या की इस राजकुमारी की कहानी पर बहुत यकीन करते हैं.

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दक्षिण कोरिया का रजमण्डल भी आया था अयोध्या 
1996 में इंजे विश्वविद्यालय का एक प्रतिनिधिमंडल रानी हू की वंशावली का पता लगाने के लिए अयोध्या पहुंचा और रघुवंश का पता लगाया. इसके बाद 1999 में उन्होंने भगवान श्रीराम के राजवंश के लोगों को दक्षिण कोरिया की राजधानी में आमंत्रित किया और सर्वोच्च सम्मान दिया. इसके बाद  दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने कहा था 2,000 साल पहले एक भारतीय राजकुमारी की कोरियाई राजा से शादी की किंवदंती का अयोध्या से संबंध है, यह माना जाता है कि अयुता अयोध्या थी या अयोध्या अयुता थी. अयोध्या में रानी हू का स्मारक भी बनाया गया था. 

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