आयुष्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा: MBBS डॉक्टर,बिजनेसमैन और नेताओं का भी बना Ayushman कार्ड
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आयुष्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा: MBBS डॉक्टर,बिजनेसमैन और नेताओं का भी बना Ayushman कार्ड

उत्तर प्रदेश के संभल में आयुष्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां शहर के नामी डॉक्टर्स और बिजनेसमैन्स के नाम पर आयुष्मान कार्ड जारी किया गया है. 

Ayushman Yojana Fraud Case

सुनील सिंह/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्वास्थ्य महकमे का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां आयुष्मान योजना के पात्र लोगों की सूची में गोलमाल किया गया है. योजना के लाभार्थियों की सूची में डॉक्टर, उद्योगपतियों और नेताओं के नाम दर्ज हैं. उनके नाम पर आयुष्मान कार्ड भी जारी किए गए हैं. फिलहाल इस मामले की जानकारी होने पर डीएम ने जांच की बात कही है.

लिस्ट में 40 फीसदी से अधिक अपात्रों का नाम 
फर्जीवाड़े का आलम यह है कि आयुष्मान योजना की लाभार्थी सूची में चंदौसी के एक ही परिवार के प्रतिष्ठित नामी-गिरामी सात एमबीबीएस डॉक्टरों के नाम पर कार्ड जारी किए गए हैं. एमबीबीएस चिकित्सक परिवार के अलावा तमाम बड़े उद्योगपति और नेताओं समेत 40 फीसदी से अधिक अपात्रों के नाम दर्ज हैं. जबकि गरीब तबके के पात्र लोग कार्ड के लिए दर-दर भटक रहे हैं. तमाम दिक्कतों और परेशानियों के बावजूद पात्र लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. 

डीएम ने दिया तर्क 
वहीं, इस मामले की जानकारी के बाद डीएम मनीष बंसल ने कहा कि आयुष्मान कार्ड में अपात्र लोगों के नाम दर्ज होने की जांच कराई जाएगी. रिपोर्ट आने के बाद सभी अपात्रों के कार्ड निरस्त कर दिए जाएंगे. उन्होंने इस मामले में तर्क देते हुए यह भी बताया कि उक्त सूची वर्ष 2011 में कराए गए सर्वे के अनुसार तैयार की गई लिस्ट के आधार पर बनाई गई है. इस सूची को परिवर्तित नहीं किया जा सकता, लेकिन अपात्रों के कार्ड रद्द कर दिए जाएंगे. 

क्या है आयुष्मान योजना?
23 सितंबर 2018 को भारत सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने के उद्देश्य के साथ 'आयुष्मान भारत' योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना की शुरुआत के बाद पांच लाख रुपये तक का इलाज लोग फ्री में करवा सकते हैं. सरकार की यह योजना उनके लिए जीवनदायिनी है. इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरुरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है. इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियां आएंगी. 

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