Guru Purnima: देश में अनेकों कथावाचक और संत हुए हैं. सभी कथावाचक और संत धर्म के साथ हरिकथा का प्रवचन देते हैं. ऐसे ही एक बाबा की कहानी आज बताते हैं...
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Digital Baba: भारत के इतिहास में अनेकों पूजनीय और ज्ञानी कथावाचक और संत हुए हैं. सभी कथावाचक और संत धर्म के साथ हरिकथा का प्रवचन देते हैं. लेकिन यूपी के देवरिया में एक ऐसे कथावाचक हैं, जो डिजिटल बाबा के नाम से मशहूर हैं. गुरू पूर्णिमा के अवसर पर हम आज बात कर रहे हैं स्वामी राम शंकर महराज की. यूपी के देवरिया जिले के खजुरी भट्ट गांव में जन्म हुआ था. स्वामी ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई की हुई है. इसके बाद अयोध्या धाम में स्वामी राम शंकर महाराज ने वैष्णव दीक्षा प्राप्त की है.
8 सालों तक किया धर्म शास्त्र की पढ़ाई
वैष्णव दीक्षा प्राप्त करने के बाद डिजिटल बाबा ने 8 साल तक देश भर के कई गुरुकुलों में रह कर धर्म शास्त्र का अध्ययन किया. स्वामी राम शंकर महाराज की खास बात यह है कि वह आज के डिजिटल युग में तकनीक का प्रयोग करते हैं. वह तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ऑनलाइन ही कथा का वाचन करते हैं. कथा करने के बाद उनके समर्थकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब भी डिजिटल बाबा ऑनलाइन ही देते हैं.
अव्यवसायी भाव से करते हैं कथावाचन
शास्त्रों के अध्ययन के बाद से राम शंकर महाराज पिछले 7 सालों से हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ धाम में रह रहे हैं. महाराज ने गुरुकुल में रहते हुए औपचारिक रूप से शास्त्रों का गहन अध्ययन किया है. आज कल महाराज श्रीरामकथा एवं श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करते हुए ज्ञान का प्रसार करते हैं. महाराज सारी कथा का वाचन अव्यवसायी भाव से करते हैं.
फेसबुक पर हैं 3 लाख फॉलोअर्स
देवरिया से युवा साधक डिजिटल बाबा के नाम से मशहूर कथावाचक के फेसबुक पेज पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. देश के अलग अलग राज्यों में डिजिटल बाबा कथा का वाचन करने के लिए बुलाए जाते हैं. स्वामी राम शंकर महाराज दक्षिणा के बारे में कहते हैं कि यह मांगी नही जाती आयोजक के सामर्थ्य पर निर्भर करती है.
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