बकौल वेदांती उन्होंने कोर्ट के समक्ष कहा, ''मंदिर के खंडहर को मैंने गिराया था. वहां केवल और केवल मंदिर था, जिसे राजा विक्रमादित्य ने 84 कसौटी के खंभे पर बनवाया था.''
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अयोध्या: बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में भाजपा के पूर्व सांसद व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष राम विलास वेदांती की मंगलवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेशी हुई. वेदांंती ने अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया. राम विलास वेदांती ने कोर्ट से बाहर निकलते वक्त मीडिया से बताया कि उन्होंने क्या बयान दर्ज कराया.
राम विलास वेदांती के मुताबिक कोर्ट के सामने वह अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहे. बकौल वेदांती उन्होंने कोर्ट के समक्ष कहा, ''मंदिर के खंडहर को मैंने गिराया था. वहां केवल और केवल मंदिर था, जिसे राजा विक्रमादित्य ने 84 कसौटी के खंभे पर बनवाया था.''
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वेदांती ने आगे कहा, ''उस मंदिर पर रामलला विराजमान थे. वह खंडहर हो चुका था, इसलिए हमने खंडहर को तोड़वाकर नया मंदिर बनवाने का संकल्प लिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरा करने का काम किया है.'' आपको बता दें कि 28 वर्ष पहले 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में थाना राम जन्मभूमि में बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए 49 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले में पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, राम विलास वेदांती और साक्षी महाराज भी आरोपियों में शामिल हैं. कुल आरोपियों में 32 जीवित हैं, जबकि 17 की मौत हो चुकी है.
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