यूपी सरकार ने फैसला किया है कि सरकार लॉकडाउन की अवधि और गर्मी की छुट्टियों के मिड डे मील का अनाज और कन्वर्जन कॉस्ट बच्चों के घर तक पहुंचाएगी. प्रदेश के बेसिक स्कूलों में लगभग 1 करोड़ 80 लाख बच्चे पढ़ते हैं. इस हिसाब से बच्चों के अभिभावकों के खाते में करीब 780 करोड़ रुपये डाले जाएंगे.
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लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अब प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी मिल डे मीड का राश और कन्वर्जेंस कॉस्ट दी जाएगी. ये कन्वर्जेंस कॉस्ट बच्चों के अभिभावकों के खाते में डाली जाएगी. बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने ये जानकारी दी है. प्राइमरी स्कूल के एक बच्चे को 76 दिन के लिए 374.29 रुपये और जूनियर में हर छात्र को 561.03 रुपये की कन्वर्जेंस कॉस्ट दी जाएगी.
बेसिक स्कूलों में पढ़ते हैं 1.80 करोड़ बच्चे
यूपी सरकार ने फैसला किया है कि सरकार लॉकडाउन की अवधि और गर्मी की छुट्टियों के मिड डे मील का अनाज और कन्वर्जन कॉस्ट बच्चों के घर तक पहुंचाएगी. प्रदेश के बेसिक स्कूलों में लगभग 1 करोड़ 80 लाख बच्चे पढ़ते हैं. इस हिसाब से बच्चों के अभिभावकों के खाते में करीब 780 करोड़ रुपये डाले जाएंगे. अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने ये शासनादेश जारी किया है. इसके मुताबिक प्राइमरी के बच्चे को 7.60 किलोग्राम और जूनियर में प्रति छात्र 11.40 किलोग्राम राशन दिया जाएगा. ये राशन कोटेदारों के जरिये उन तक पहुंचाया जाएगा.
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कैसे मिलेगा मिड डे मील
इसके लिए प्रधानाचार्य प्राधिकार पत्र जारी करेंगे. प्राधिकार पत्र में स्कूल, बच्चे का नाम, पंजीयन संख्या, कक्षा और खाद्यान्न की मात्रा अंकित होगी. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए एक वक्त में 2-3 अभिभावकों को स्कूल बुलाकर इसे वितरित किया जाएगा. मिड डे मील में खाद्यान्न में गेहूं और चावल मिलता है, जबकि वहीं कन्वर्जेंस कॉस्ट दाल, सब्जी, मसाला, तेल, खाना पकाने के ईंधन आदि में खर्च होती है. मेन्यू में चार दिन चावल और दो दिन गेहूं से बने व्यंजन दिए जाते हैं
24 मार्च से बंद हैं विद्यालय
कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 24 मार्च से ही बेसिक स्कूलों को बंद कर दिया गया है. तब से स्कूल 30 जून तक बंद रहने वाले हैं. गर्मी की छुट्टियों और लॉकडाउन के चलते जितने भी दिन स्कूल बंद रहे, उसका राशन और कन्वर्जेंस कॉस्ट सरकार बच्चों के पोषण को ध्यान में रखते हुए दे रही है. 30 जून तक हर बच्चे के घर तक राशन और कन्वर्जेंस कॉस्ट पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
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