उत्तर प्रदेश के 100 चिन्हित थानों में आज से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बीट पुलिसिंग की शुरुआत हो गई.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आज से बीट पुलिसिंग की शुरुआत हो गई है. फिलहाल इस व्यवस्था को राज्य के 100 चिन्हित थानों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है. अगर इन थाना क्षेत्रों में बीट पुलिसिंग सिस्टम का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो इसे प्रदेशभर के थानों में लागू किया जाएगा.
इसके अंतर्गत ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों के थानों को शामिल किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने और थानों में सिपाहियों लेवल तक जिम्मेदारी तय करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है. चिन्हित किए गए इन 100 थानों में बीट अधिकारियों की तैनाती होगी.
ये बीट अधिकारी लोगों से सीधा संवाद करेंगे और उच्च अधिकारियों तक उनकी समस्याओं को पहुंचाएंगे. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस प्रयोग से अपराधियों पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. डीजीपी ओपी सिंह ने इसे लेकर विस्तृत निर्देश दिए हैं.
जानिए क्या है यह नया प्रयोग
आम लोगों और पुलिस के बीच गैप बहुत ज्यादा है. पुलिस का आम जनमानस के साथ समन्वय घटता जा रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए थानों में बीट अफसर की तैनाती का प्रयोग किया जा रहा है. इस नए प्रयोग के तहत अब सप्ताह में दो से ज्यादा बार बीट पुलिस अधिकारी लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद करेंगे.
बीट पुलिस अफसर आम लोगों की समस्याओं को सीधे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक पहुंचाने का एक सरल माध्यम बनेंगे. आम लोगों से संपर्क रखने के साथ अधिकारियों की बीट बुक में अपराधियों का पूरा ब्योरा भी होगा. बीट पर काम करने वाले मुख्य आरक्षी और आरक्षी भी अब बीट पुलिस अधिकारी कहलाएंगे.
जो लोगों के बीच जाकर उनसे उनकी परेशानी जानेंगे, आम लोगों और पुलिस के बीच मधुर रिश्ता स्थापित करने की कोशिश करेंगे.