2017 में सहारनपुर में हुए जातीय दंगे के बाद चंद्रशेखर को किया गया था गिरफ्तार. लगाई गई थी रासुका.
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सहारनपुर : 2017 में सहारनपुर में हुए जातीय दंगों के आरोप में जेल में सजा काट रहे भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को गुरुवार देर रात रिहाई मिल गई. जेल प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रावण को देर रात पौने तीन बजे जेल से रिहा कर दिया.
2019 में बीजेपी को उखाड़ फेकेंगे
जेल से बाहर आते ही रावण ने सीधे यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी तो लड़ाई शुरू हुई है. अब इस सरकार से सीधे लड़ाई लड़ी जाएगी. उसने कहा 'मैं अपने लोगों से 2019 में बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए कहूंगा.' उसने कहा 'सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश से डर गई थी, इसलिए मेरी रिहाई के ओदश जल्दी देकर वह खुद को बचा रही है.'
Govt was so scared that they are going to be rebuked by Supreme Court, that they ordered an early release to save themselves. I'm confident that they'll frame some charges against me within 10 days: I'll ask my ppl to throw BJP out of power in 2019: Bhim Army Chief Chandrashekhar pic.twitter.com/h9JmBfQGmm
— ANI UP (@ANINewsUP) September 14, 2018
यूपी सरकार ने दिए थे रिहाई के आदेश
इससे पहले कल देर शाम यूपी शासन रावण की रिहाई के आदेश जारी किए थे. पहले प्रशासनिक अधिकारी रावण की रिहाई को लेकर असमंजस की स्थिति में थे, लेकिन सहारनपुर जिला जेल के बाहर भीम आर्मी के हजारों कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए, जिसके बाद बैकफुट पर आए प्रशासन को देर रात ही रावण को रिहा करना पड़ा.
Saharanpur: Bhim Army Chief Chandrashekhar alias Ravan comes out of jail after Uttar Pradesh government ordered his early release. He was jailed under NSA charges in connection with the 2017 Saharanpur caste violence case pic.twitter.com/kqE0fz53Yj
— ANI UP (@ANINewsUP) September 13, 2018
2017 में हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि सहारनपुर में पिछले वर्ष सिलसिलेवार जातीय संघर्षों में चार लोगों की मौत हो गई थी. शब्बीरपुर हिंसा के बाद भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर रावण को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई थी. पिछले 15 महीनों से सहारनपुर जेल में रावण सजा काट रहा था. कुछ दिन पहले ही रावण की मां ने प्रदेश सरकार से उसकी रिहाई की गुहार लगाई थी, जिसके बाद गुरुवार को ही प्रदेश सरकार ने रावण की रिहाई के आदेश जारी किए थे.
मां ने की थी अपील
जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार ने इस मामले में सोनू, सुधीर, विलास को पहले ही रिहा कर दिया था. सरकार ने चंद्रशोखर की मां की अपील पर विचार करते हुए उनके समयपूर्व रिहाई का फैसला लिया है. सरकार ने चंद्रशेखर के साथ दो अन्य आरोपियों सोनू शिवकुमार को भी रिहा करने का फैसला किया है.
रिहाई के लिए दिल्ली में हुई थी रैली
बता दें कि चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग को लेकर 19 अगस्त को भीम आर्मी द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन किया था. भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रत्न सिंह ने एक वार्ता के दौरान कहा था कि उन्होंने इस रैली के माध्यम से चंद्रशेखर आजाद की रिहाई और उनके विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दर्ज मामले हटाने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि दलितों और जातीय भेदभाव से संबंधित मुद्दों पर अंकुश लगाने में सरकार के विफल रहने से गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है.