खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला अभिहित अधिकारी सैयद शाहनवाज हैदर आबिदी ने बताया कि शासन की ओर से धार्मिक स्थलों के अलावा स्कूलों को भी FSSAI के मानकों के तहत लाने का निर्णय लिया गया है.
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अरुण प्रताप सिंह/फर्रुखाबाद: अब प्रसाद और लंगर पर भी खाद्य सुरक्षा विभाग की नजर रहेगी. शासन की ओर से सुरक्षित खान-पान को बढ़ावा देने की योजना 'भोग' अब धार्मिक स्थलों पर भी दस्तक देने की तैयारी में है. मंदिरों, मस्जिदों, दरगाहों और गुरुद्वारों पर वितरित होने वाले प्रसाद, भंडारा और लंगर को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के मानकों के स्तर तक लाने के लिए नई योजना 'भोग' शुरू की गई है. पहले चरण में इस साल कम से कम एक धार्मिक स्थल को चयनित कर उसे मॉडल स्तर तक ले जाने की योजना है.
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प्रसाद का सामान बेचने वालों पर नजर
FSSAI की ओर से अब धार्मिक स्थलों पर बंटने वाले प्रसाद या लंगर की स्वच्छता और पौष्टिकता को सुनिश्चित करने के लिए नई योजना शुरू की गई है. इस नई योजना ''ब्लिसफुल एंड हाइजेनिक ऑफरिंग टू गॉड' (भोग) के तहत मंदिरों, दरगाहों, गुरुद्वारों आदि में वितरित होने वाले प्रसाद और लंगर की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाएगा. पहले चरण में धार्मिक स्थल के आस पास प्रसाद, भंडारा या लंगर के सामान की बिक्री करने वाले दुकानदारों पर भी शिकंजा कसा जाएगा.
स्कूल भी आ सकते हैं इन मानकों के अंदर
खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला अभिहित अधिकारी सैयद शाहनवाज हैदर आबिदी ने बताया कि शासन की ओर से धार्मिक स्थलों के अलावा स्कूलों को भी FSSAI के मानकों के तहत लाने का निर्णय लिया गया है. दोनों को ही चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाना है. शुक्रवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला खाद्य सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा. पहले चरण में चिह्नित धार्मिक स्थल व स्कूलों के बारे निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले चरण में कम से एक धार्मिक स्थल और एक स्कूल को एफएसएसएआइ के मानकों के अनुरूप अपग्रेड करने की योजना है.
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