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लखनऊ: राम मंदिर के लिए भूमिपूजन को लेकर अब तक तैयारियों का ही जिक्र हो रहा था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश की सियासत का तड़का भी इस धार्मिक कार्यक्रम में लग गया है. बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज भूमिपूजन कार्यक्रम को लेकर एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में मायावती ने भूमिपूजन कार्यक्रम में दलित संत की उपेक्षा का आरोप लगाया है. मायावती ने कहा है कि 200 साधु संतों के साथ अगर दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरि को भी बुलाया जाता तो अच्छा होता.
जातिविहीन समाज बनाने की संवैधानिक मंशा का जिक्र
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट करते हुए दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनन्दन गिरि की शिकायत का जिक्र किया है और लिखा कि अगर 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले भूमिपूजन में इन्हें भी आमंत्रित किया गया होता, तो देश में जातिविहीन समाज बनाने की संवैधानिक मंशा पर कुछ असर पड़ता.
1. दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनन्दन गिरि की शिकायत के मद्देनजर यदि अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमिपूजन समारोह में अन्य 200 साधु-सन्तों के साथ इनको भी बुला लिया गया होता तो यह बेहतर होता। इससे देश में जातिविहीन समाज बनाने की संवैधानिक मंशा पर कुछ असर पड़ सकता था।
— Mayawati (@Mayawati) July 31, 2020
मायावती ने आगे संत प्रभुनंदन गिरि को सलाह भी दी है कि दलित समाज को जातिवादी उपेक्षा, तिरस्कार और अन्याय से पीड़ित होने के बाद भी अपने उद्धार के लिए श्रम और कर्म पर ध्यान देना चाहिए और बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलना चाहिए.
2. वैसे जातिवादी उपेक्षा, तिरस्कार व अन्याय से पीड़ित दलित समाज को इन चक्करों में पड़ने के बजाए अपने उद्धार हेतु श्रम/कर्म में ही ज्यादा ध्यान देना चाहिए व इस मामले में भी अपने मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए रास्ते पर चलना चाहिए, यही बीएसपी की इनको सलाह है।
— Mayawati (@Mayawati) July 31, 2020
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भूमिपूजन में शामिल होंगे करीब 200 मेहमान
50-50 लोगों के अलग-अलग ब्लॉक में करीब 200 मेहमान भूमिपूजन में शामिल होंगे. 50 की संख्या में देश के बड़े साधु-संत मौजूद रहेंगे, 50 की संख्या में देश के बड़े नेता और आंदोलन से जुड़े लोग रहेंगे. इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह के साथ साध्वी ऋतंभरा और विनय कटियार भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. साथ ही कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल हो सकते हैं. 50 की संख्या में उद्योगपति और अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
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