बदायूं: हवालात में बंद बिजली चोरी के बकाएदार की मौत के बाद खुला बड़ा राज, शुरू हुई सियासत
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बदायूं: हवालात में बंद बिजली चोरी के बकाएदार की मौत के बाद खुला बड़ा राज, शुरू हुई सियासत

 तहसील स्टाफ ने जिस आरसी के आधार पर बृजपाल नाम के व्यक्ति को बिजली के बिल के बकाया के आरोप में हवालात में बंद किया था, वह आरसी मृतक की ना होकर किसी अन्य व्यक्ति की थी.

बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मृतक के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी और पार्टी की तरफ से 50 हजार रुपये राशि भी दी.

बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं में बीती 4 तारीख को तहसील के हवालात में बंद एक बकाएदार की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. जिसके बाद अब मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. तहसील स्टाफ ने जिस आरसी के आधार पर बृजपाल नाम के व्यक्ति को बिजली के बिल के बकाया के आरोप में हवालात में बंद किया था, वह आरसी मृतक की ना होकर किसी अन्य व्यक्ति की थी. मिलते नाम के कारण बृजपाल को तहसील की हवालात में 11 दिन बन्द रखा गया, जहां तबीयत बिगड़ने पर उसकी अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी. बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मृतक के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी और पार्टी की तरफ से 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की.

परिवार की मांग है कि लापरवाह तहसील स्टाफ पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए. मामला बदायूं की सहसवान तहसील का है. सहसवान तहसील स्टाफ ने 82 हजार रुपये बिजली का बिल बकाया होने के कारण जरीफ नगर क्षेत्र निवासी ब्रजपाल की आरसी काट दी थी और 11 दिन पहले उसे तहसील की हवालात में बंद कर दिया था. बीते दिन उसकी हवालात में तबीयत बिगड़ी तो हवालात के ताला तोड़ कर ब्रजपाल को निकाला गया और अस्पताल लेकर जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

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बज्रपाल की मौत के बाद परिजनों का आरोप है कि तहसील स्टाफ ने ब्रजपाल पुत्र ओमकर के नाम से बिजली चोरी के 82 हजार आर्थिक दण्ड की फर्जी आरसी काटी थी, जबकि मृतक बृजपाल के पिता का नाम ओमपाल है और उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं था. मृतक ने खुद हवालात में बंद रहते हुए यह बयान भी दिया था. वहीं बृजपाल की मौत के बाद अब इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मृतक के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी और पार्टी की तरफ से 50 हजार रुपये राशि भी दी.

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धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि समाजवादी पार्टी जिला प्रशासन को चार दिन का टाइम दे रही है, अगर आरोपी तहसील स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नही हुई तो इस मामले में जनपद भर में आंदोलन किया जाएगा. वहीं प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत अच्छी नही है. पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है और मुख्यमंत्री विधानसभा में  कानून व्यवस्था की बड़ाई कर रहे हैं.

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